बाल अधिकार के लिए कार्यरत गैर सरकारी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सिविल रिट पिटिशन (51/2006) दायर किया है. बचपन बचाओ आंदोलन बनाम भारत सरकार व अन्य के इसी मामले पर केंद्र ने राज्यों से सुझाव मांगा है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी के अंतिम सप्ताह में हो सकती है.
संस्था बचपन बचाओ आंदोलन ने अपनी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से बाल अधिकारों को सुरक्षित करने का आग्रह करते हुए केंद्र सरकार को इसके लिए कोई कानून बनाने की जरूरत बतायी है. कहा गया है कि नेपाल सहित भारत के राज्यों से गरीब बच्चे-बच्चियों को सर्कस में रखा जाता है, जो ताउम्र उस घेरे से बाहर नहीं आ पाते. कड़ी मेहनत के साथ उन्हें यौन शोषण भी सहना पड़ता है. बैठक में समाज कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे.