सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं रहने पर बाद में महाधिवक्ता आरएस मजूमदार पहुंचे. खंडपीठ ने महाधिवक्ता से पूछा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया. इस पर खंडपीठ ने कहा कि 12 दिसंबर को प्रार्थी को आंखों के इलाज के लिए रिम्स में भरती कराने का आदेश दिया गया था, वह पलामू सेंट्रल जेल को मिला या नहीं. यह आदेश किसी और का नहीं, बल्कि हाइकोर्ट का है. यदि सूचना दी गयी और सूचना मिलने के बाद भी कैदी को इलाज के लिये रिम्स में भरती नहीं कराया है, तो जेल अधीक्षक व चिकित्सक का दो माह का वेतन काट दिया जाये. सरकारी अधिकारी अदालती आदेश की अवहेलना करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया जायेगा.
पलामू जेल अधीक्षक व चिकित्सक मामले का जोड़….
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं रहने पर बाद में महाधिवक्ता आरएस मजूमदार पहुंचे. खंडपीठ ने महाधिवक्ता से पूछा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया. इस पर खंडपीठ ने कहा कि 12 दिसंबर को प्रार्थी को आंखों के इलाज के लिए रिम्स में भरती कराने का आदेश दिया गया […]
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