रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाला मामले के आरोपी लालू प्रसाद को झारखंड हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी. लालू प्रसाद की ओर से दायर क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरआर प्रसाद की अदालत ने सीबीआइ की विशेष अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए इसे खारिज कर दिया.
इससे पूर्व सीबीआइ की ओर से जवाब दाखिल कर अदालत को बताया गया कि चारा घोटाले के आरसी-20ए/96 मामले में थाइलैंड जाकर बचाव पक्ष के गवाह एससी चावला की गवाही की अब आवश्यकता नहीं रह गयी है. सत्यापित दस्तावेज विशेष अदालत में पेश की गयी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है. सीबीआइ दस्तावेजों की सत्यता तथा उसमें एससी चावला के दर्ज स्टेटमेंट पर उंगली नहीं उठायेगी. सीबीआइ के जवाब को देखते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी.
मालूम हो कि प्रार्थी लालू प्रसाद ने सीबीआइ की विशेष अदालत के फैसले को निरस्त करने का आग्रह किया था. साथ ही एससी चावला की गवाही को जरूरी बताया था. अनुसंधान के दौरान सीबीआइ ने लालू प्रसाद के आवास से दस्तावेज सील किया था. उसकी छानबीन से पता चला कि लालू बैंकॉक गये थे. इस पर लालू का कहना था कि वे बैंकॉक गये थे.
एससी चावला ने भोज पर आमंत्रित किया था. इसकी पुष्टि श्री चावला की गवाही से होगी. विशेष अदालत ने श्री चावला को सम्मन जारी किया, पर उसका पालन नहीं हुआ. पूर्व में हाइकोर्ट ने थाइलैंड जाकर कमीशन गवाही दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद सीबीआइ ने सत्यापित दस्तावेज विशेष अदालत को सौंपा. अदालत ने दस्तावेजों को स्वीकार कर लिया तथा कहा कि अब कमीशन गवाही की जरूरत नहीं रह गयी है. इस फैसले को प्रार्थी ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी.