बच्चों में सर्दी-खांसी हो तो रखें शारीरिक विकास का ध्यानरांची. प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग कार्यक्रम में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेश चंद्रा ने ठंड में बच्चों से जुड़ी बीमारियों के विषय में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ठंड में बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, उलटी या दस्त होते हैं जो एक सामान्य बात है. यह समस्या मौसम के बदलने के कारण होती है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों में ऐसा अकसर मौसम के बदलाव को नहीं सह पाने के कारण होता है. सबसे अहम बात यह है कि यदि बच्चों का ग्रोथ सामान्य हो रहा है तो भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. मौसम के बदलने के साथ ही बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है. उम्र बढ़ने के साथ ही उनका शरीर इस तरह की समस्याओं को स्वत: नियंत्रित करने की क्षमता विकसित कर लेता है. इस दौरान बच्चों की लंबाई, वजन और दिमागी रूप से विकसित होने की प्रक्रिया पर ध्यान रखना जरूरी है. बार-बार खांसी और सर्दी से नुकसान तभी होता है जब उसके शारीरिक विकास में बाधा हो रही हो. माएं शून्य से छह माह तक के बच्चों को स्तनपान जरूर कराती रहें. छह महीना के बाद घर में तैयार किया गया ठोस आहार दिया जाना चाहिए. बच्चों को हमेशा ताजा खाना दें. बच्चों को लगातार सर्दी-खांसी रहने पर चिकित्सक परिवार में अनुवांशिक रोगों की भी जानकारी प्राप्त करते हैं जैसे किसी चीज से एलर्जी, दमा, आदि. अत: यदि समस्या लंबे समय तक है तो चिकित्सक से मिल कर राय लेनी चाहिए. डॉक्टर से मिलने का पतारानी अस्पताल, मछली घर के पीछे, रेडियम रोड, रांची. दूरभाष : 9835167564
चार दिसंबर ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग
बच्चों में सर्दी-खांसी हो तो रखें शारीरिक विकास का ध्यानरांची. प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग कार्यक्रम में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेश चंद्रा ने ठंड में बच्चों से जुड़ी बीमारियों के विषय में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ठंड में बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, उलटी या दस्त होते हैं जो […]
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