रांची: आजसू विधायक दल के नेता सुदेश महतो ने विश्वासमत के दौरान कहा कि झामुमो-कांग्रेस के गंठबंधन विश्वासी नहीं है. कांग्रेस लोकसभा चुनाव, झामुमो मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा और राजद राजनीतिक संरक्षण के लिए सरकार में है.
कई बार इस गंठबंधन का प्रयोग राज्य में हो चुका है, पर सफल नहीं हुआ. यदि सचमुच सरकार बनाने की नीयत होती, तो सीट की सहमति पर सरकार नहीं बनती. श्री महतो ने कहा कि इस सरकार के गठन से कई सवाल खड़े होते हैं. अंतर आत्मा की आवाज पर वोट देने की बात कही जा रही है. नये सरकार से राज्य में कोई उमंग नहीं है. सत्तासीन होने से किसी की उम्मीद नहीं जगी है.
ऐसा लगता है कि किसी जिले में कोई कलेक्टर बदला है. 13 साल में नौवें मुख्यमंत्री बने हैं. वह भी 16 महीने के लिए. ये कहते हैं कि राज्य की जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं देना चाहते, इसलिए सरकार बनायी गयी. जबकि इस प्रदेश में चुनाव कराने में 50 करोड़ रुपये खर्च होते. जब सरकार गिरी, तो उसके बाद राज्य के विकास के पांच हजार करोड़ रुपये सरेंडर करना पड़ा. विकास की राशि खर्च नहीं हो सकी. श्री महतो ने कहा कि आंदोलनकारियों को क्या देंगे, बाद में तय कीजियेगा. पहले कम-से-कम इनको क्रांतिवीर की उपाधि दे दें. झारखंड का मान-सम्मान बचाना है, तो दिल्ली में जाकर फैसला न करें. झारखंड की जो छवि बनी है, उसकी लाज रखें. श्री महतो ने झाविमो की ओर व्यंग्य करते हुए कहा कि आरएसएस के साथ कार सेवा करनेवाले आज सेक्यूलर का झंडा कैसे ढो रहे हैं.