एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश मंे अधिकतम विदेशी निवेश लाने के लिए सरकार ने पंचाट कानून मंे संशोधन किया है. इसके तहत वाणिज्यिक विवादों में पंच निर्णायक की भूमिका निभा रहे जज को नौ महीने मंे फैसला सुनाना होगा. पंचाट कानून मंे संशोधनांे के जरिये सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सकारात्मक संकेत देने का प्रयास किया है. मंजूर संशोधनों के तहत समय से निर्णय न करने वाले जज को नये मामलोंे में ंपंच बनाने से मना किया जा सकता है. हालांकि, हाई कोर्ट द्वारा विस्तार दिये जाने पर नौ महीने की यह सीमा बढ़ सकती है.एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पंचाट एवं सुलह-सफाई कानून, 1996 मंे संशोधनांे का मकसद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संकेत देना है कि भारत मंे अब व्यावसायिक विवादांे के निपटान मंे बहुत अधिक समय नहीं लगेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दी. ये संशोधन उसका हिस्सा हैं. अधिकारी ने कहा कि सरकार ने अध्यादेश का रास्ता इसलिए अख्तियार किया, क्यांेकि वह चाहती है कि इन संशोधनांे को जल्द से जल्द लागू किया जाये. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद ही यह अध्यादेश लागू हो जायेगा.
विदेशी निवेश के लिए पंचाट कानून मंे संशोधन
एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश मंे अधिकतम विदेशी निवेश लाने के लिए सरकार ने पंचाट कानून मंे संशोधन किया है. इसके तहत वाणिज्यिक विवादों में पंच निर्णायक की भूमिका निभा रहे जज को नौ महीने मंे फैसला सुनाना होगा. पंचाट कानून मंे संशोधनांे के जरिये सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सकारात्मक संकेत देने का प्रयास किया है. […]
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