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करोड़ों रुपयों के अनुदान से वंचित हुआ बीआइटी सिंदरी

रांची: राज्य के सबसे पुराने राजकीय अभियंत्रण संस्थान बीआइटी सिंदरी को टेक्विप फेज-2 (टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम) में शामिल नहीं किया गया है. देश भर के 190 संस्थानों को टेक्विप-2 योजना में शामिल किया गया है. विश्व बैंक और मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से यह योजना संचालित की जाती है. इसके तहत […]

रांची: राज्य के सबसे पुराने राजकीय अभियंत्रण संस्थान बीआइटी सिंदरी को टेक्विप फेज-2 (टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम) में शामिल नहीं किया गया है. देश भर के 190 संस्थानों को टेक्विप-2 योजना में शामिल किया गया है. विश्व बैंक और मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से यह योजना संचालित की जाती है. इसके तहत तकनीकी संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए अनुदान दिया जाता है.

झारखंड से बीआइटी मेसरा को दूसरी बार इस योजना से जोड़ा जा सका है. योजना अगले वर्ष के अंत तक समाप्त होगी. जानकारी के अनुसार शिक्षकों की कमी की वजह से बीआइटी सिंदरी को टेक्विप-2 में प्रविष्टि नहीं मिल पायी. योजना का प्रमुख उद्देश्य संस्थानों को सुदृढ़ करने के साथ-साथ उच्च स्तरीय अभियंताओं को बनाने और उन्हें रोजगार का बेहतर अवसर भी प्रदान करना है. ऐसे संस्थानों में स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा और शोध एवं विकास कार्यक्रम पर अधिक ध्यान देना भी जरूरी किया गया है. फैकल्टी को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण देने और संस्थान में संस्थागत और सिस्टम मैनेजमेंट को प्रभावशाली बनाना भी जरूरी है. टेक्विप में शामिल नहीं होने से संस्थान को 15 से 20 करोड़ का अनुदान राशि नहीं मिल पाया.

कुछ शिक्षक सरकारी महकमे में प्रतिनियुक्त

बीआइटी सिंदरी के कुछ शिक्षक झारखंड सरकार के कई महकमे में प्रतिनियुक्ति पर हैं. इसमें सूचना प्राद्योगिकी में यूके सिंह सहायक निदेशक और सविता नायक विज्ञान, प्रावैधिकी परिषद में तकनीकी सलाहकार के पद पर प्रतिनियुक्त हैं. ये दोनों काफी दिनों से यहां प्रतिनियुक्ति पर हैं.

प्राध्यापकों की भारी कमी है संस्थान में

संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रो डे का मानना है कि शिक्षकों का स्ट्रेंथ 240 से अधिक है. पर नियमित शिक्षक के रूप में 71 और अस्थायी एवं कांट्रैक्ट के आधार पर 60 शिक्षक कार्यरत हैं. ये सभी विभागों में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं. उनके अनुसार विश्व बैंक के मानकों के अनुरूप टेक्विप में अस्थायी और कांट्रैक्ट पर काम करनेवाले शिक्षकों को मान्यता नहीं दी जाती है. सिर्फ स्थायी रूप से नियुक्त शिक्षकों को ही अर्हताओं में शामिल किया गया है.

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