रांची: झामुमो के साथ गंठबंधन और सरकार गठन के फैसले को लेकर कांग्रेस के अंदर विवाद हो गया है. संतालपरगना के नेता और कार्यकर्ता आला कमान के फैसले के खिलाफ हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम के नेतृत्व में दुमका, पाकुड़, साहेबगंज और राजमहल के पार्टी पदाधिकारियों ने सोमवार को राजधानी के कडरू स्थित एक बैंक्वेट हॉल में बैठक की. बैठक में कांग्रेस नेता राधाकृष्ण किशोर भी पहुंचे थे. इसमें जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों ने झामुमो के साथ गंठबंधन के खिलाफ अपनी बातें रखीं.
बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के नाम पत्र भेज कर विरोध भी जताया. बैठक में जिला व प्रखंड अध्यक्षों का कहना था कि गंठबंधन से कांग्रेस को नुकसान होगा. बहुत मुश्किल से संतालपरगना में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा था. कार्यकर्ता उत्साहित थे. लेकिन झामुमो के साथ गंठबंधन से कार्यकर्ता निराश हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना था कि अगर गंठबंधन पर पुनर्विचार नहीं हुआ, तो पद छोड़ देंगे. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा के साथ झामुमो के सरकार बनाने से अल्पसंख्यक नाराज थे. झामुमो के साथ गंठबंधन कर हम उसे सेक्यूलर होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. बैठक में पाकुड़ के प्रमोदनी हेंब्रम, साहेबगंज के मुफ्क्कर हुसैन, दुमका के श्यामल किशोर सिंह, महेश राय चंद्रवंशी के अलावा कई प्रखंडों के अध्यक्ष भी पहुंचे थे.