रांची: पलामू जिला में थानेदारों का असमय तबादला हुआ. ये तबादले वर्ष 2010, 2011 व 2012 में हुए. इस बाबत वहां के डीआइजी ने पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट की थी. डीआइजी ने 11 थानेदारों के तबादले पर सवाल भी उठाये थे. कहा था कि तबादले में नियमों का पालन नहीं किया गया. नियम है कि दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर ही थानेदार का तबादला किया जाये.
समय से पहले थानेदार को हटाने के लिए डीआइजी की अनुमति जरूरी है. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने पलामू के तत्कालीन एसपी अनूप टी मैथ्यू से टिप्पणी मांगी थी. एसपी ने अपनी टिप्पणी मुख्यालय को भेजी है, जिसके मुताबिक पलामू में समय पूर्व जो भी तबादले किये गये, उसमें तीन मामले में डीआइजी से लिखित अनुमति ली गयी थी. पांच थानेदारों का तबादला टेलीफोन पर डीआइजी की मौखिक अनुमति लेकर की गयी.
दो मामलों में एसपी के स्तर से प्रस्ताव भेजा गया था, जबकि एक थानेदार का तबादला पब्लिक की शिकायत (अनुमति का जिक्र नहीं) पर की गयी थी. टिप्पणी में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि दूरभाष पर मौखिक अनुमति लेने के बाद लिखित अनुमति ली गयी या नहीं. हालांकि एसपी ने टेलीफोन पर ली गयी मौखिक अनुमति को सही बताते हुए अपनी टिप्पणी में कहा है कि उनके द्वारा नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया.