रांची: योजना आयोग के सदस्य डा के कस्तूरीरंगन ने गुरुवार को कहा कि झारखंड के विकास के लिए राज्य के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है और इसके लिए हमारे देश के कृषि विज्ञान के संस्थानों की विशेषज्ञता के उपयोग की महती आवश्यकता है.
डा के कस्तूरीरंगन ने आज यहां झारखंड की आगामी वर्ष की योजना की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान प्रदेश है और यहां के अधिकतर लोगों का जीवन कृषि पर आधारित है, ऐसे में कृषि क्षेत्र को लाभदायक बनाया जाना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि झारखंड की मृदा और वातावरण के अनुसार यहां कृषि क्षेत्र की पांच या छह प्राथमिकताएं तय कर ली जानी चाहिए. डा. कस्तूरीरंगन कहा कि उन्हीं क्षेत्रों में यदि विशेषज्ञता हासिल की जाये तो यहां की गरीबी काफी हद तक दूर की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि किसानों को मौसम की भविष्यवाणी और अन्य तरह की वैज्ञानिक जानकारियों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है. मुख्य सचिव आर एस शर्मा ने कहा कि राज्य में योजना कार्यों के तेजी से क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों में खाली पदों को तेजी से भरने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं.