रांची: सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन मंत्री पद की दावेदारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के अनुसार निर्दलीयों के अलावा झामुमो के अंदर भी मंत्री बनने की ललक रखने वाले सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं. झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस, राजद और निर्दलीय साथ तो आये हैं. लेकिन कुरसी के लिए घटक दलों के अंदर की राजनीति गरम है. सरकार के मुखिया के लिए घटक दलों के बीच बर्थ बांटना आसान नहीं होगा.
कांग्रेस और झामुमो में दावेदारों की लाइन लंबी है. निर्दलीय विधायक बंधु तिर्की भी कैबिनेट में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसके लिए निर्दलीयों के ग्रुप ने दिल्ली में दबाव भी बनाया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंधु तिर्की ने चार निर्दलीयों का पत्र सौंपा है. ऐसे में निर्दलीय को मंत्री नहीं बनाया गया तो सरकार के लिए सिरदर्द साबित होंगे.
झामुमो में शह-मात का खेल : झामुमो में सरकार में जगह पाने के लिए शह-मात का खेल चल रहा है. नेता एक दूसरे का रास्ता काट रहे हैं. हेमलाल मुरमू को लेकर संशय की स्थिति है. साइमन मरांडी इस बार हेमलाल का रास्ता काटने में पूरा जोर लगाने वाले हैं. हाजी हुसैन अंसारी को अकील अख्तर किनारे लगाने में लगे हैं. झामुमो की ओर से चंपई सोरेन का नाम पूरी तरह तय है. मथुरा प्रसाद महतो को फिर से मौका मिल सकता है. इधर नये चहरे में शशांक शेखर भोक्ता भी अपने लिए रास्ता बना रहे हैं.