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बेटा खोने का है दर्द, शहीद होने पर गर्व

शिकारीपाड़ा/दुमका: शहीद हुए पाकुड़ जिला पुलिस बल के जवान मनोज कुमार हेंब्रम के पैतृक गांव में शोक का माहौल है. मनोज दुमका सदर प्रखंड की बेहराबांक पंचायत के कोदो-गुहिया गांव के रहनेवाले थे. उनका शव बुधवार को सुबह जब गांव पहुंचा, तो सभी ग्रामीणों के आंसू छलक रहे थे. देर शाम उनका अंतिम संस्कार किया […]

शिकारीपाड़ा/दुमका: शहीद हुए पाकुड़ जिला पुलिस बल के जवान मनोज कुमार हेंब्रम के पैतृक गांव में शोक का माहौल है. मनोज दुमका सदर प्रखंड की बेहराबांक पंचायत के कोदो-गुहिया गांव के रहनेवाले थे. उनका शव बुधवार को सुबह जब गांव पहुंचा, तो सभी ग्रामीणों के आंसू छलक रहे थे. देर शाम उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद मनोज के पिता गोपाल हेंब्रम ने कहा : बेटा खोने का गम है, लेकिन इस बात का गर्व है कि मेरा बेटा शहीद हुआ.

नवंबर 2011 में किया था योगदान : बचपन से ही खेलकूद व पुलिस सेवा में जाने की तमन्ना रखनेवाले मनोज कुमार हेंब्रम का चयन पुलिस के रूप में नवंबर 2011 में हुआ था. पाकुड़ जिला में उसका चयन हुआ था. मनोज की शादी के लगभग चार साल पहले जामकांदर-राजबांध गांव की रीना मरांडी से हुई थी. उनका डेढ़ साल का एक बेटा अनुश हेंब्रम भी है.

मनोज का परिवार कृषक है. चार-पांच बीघा उसकी जमीन है. मनोज हेंब्रम तीन भाइयों में दूसरे थे. उनका बड़ा भाई कालेश्वर हेंब्रम इंडियन आर्मी में है. कोलकाता में वह पदस्थापित है. घटना की सूचना मिलने पर वह भी गांव पहुंच गये हैं.

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