नयी दिल्ली. राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के आगमन के पहले भारत और रूस के अधिकारी अरबों डॉलर की पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) की संयुक्त परियोजना पर वार्ता करेंगे. रक्षा सूत्रों ने बताया कि 10 दिसंबर को पुतिन के दौरे के पहले वार्ता होगी, क्योंकि भारत और रूस दोनों एफजीएफए पर आगे बढ़ने को इच्छुक है. हालांकि, कुछ मुद्दे हैं, जिस पर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनी है. सूत्रों ने बताया, ‘कुछ मुद्दे बरकरार हैं. पहले भी वार्ता हुई, लेकिन कुछ ठोस निकलकर नहीं आया.’ वार्ता का अगला चरण नौ दिसंबर को होगा. दोनों देशों के बीच इस्तेमाल होने वाले जेट के निर्माण के लिए 2010 में एचएएल और रूसी सुखोई डिजाइन ब्यूरो के बीच एफजीएफए पर प्रारंभिक डिजाइन समझौता हुआ था. लेकिन, अंतिम आर एंड डी अनुबंध अभी तक अंतिम रूप नहीं ले पाया है. इस पर 2012 में ही हस्ताक्षर होना था. अनुबंध से प्रोटोटाइप डवैलपमेंट फ्लाइट टेस्टिंग का रास्ता प्रशस्त होगा. सूत्रों ने बताया कि पुतिन के दौरे के दौरान अनुंबध पर दस्तखत होने की उम्मीद नहीं है. हालांकि, भारत अरबों डॉलर के कार्यक्रम में लागत का 50 प्रतिशत निवेश कर रहा है, पर अनुसंधान और विकास तथा कार्यक्रम के अन्य पहलुओं में कार्य साझेदारी केवल 13 प्रतिशत है. यह तथ्य ऐसा है जिस पर भारतीय अधिकारी खुश नहीं हैं.
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भारत-रूस के बीच एफजीएफए विमान परियोजना पर होगी बात
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के आगमन के पहले भारत और रूस के अधिकारी अरबों डॉलर की पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) की संयुक्त परियोजना पर वार्ता करेंगे. रक्षा सूत्रों ने बताया कि 10 दिसंबर को पुतिन के दौरे के पहले वार्ता होगी, क्योंकि भारत और रूस दोनों एफजीएफए पर आगे बढ़ने को इच्छुक […]
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