पटना. बिल्डिंग बाइलॉज के उल्लंघन को लेकर अब तक निगरानीवाद के 150 मामलों में फैसला आ गया है. इन मामलों की नगर आयुक्त न्यायालय में लगातार सुनवाई की जा रही है.
गौरतलब है कि निगम क्षेत्र में बिल्डरों ने बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन कर अपार्टमेंट पर अपार्टमेंट बना रहा था, लेकिन निगम प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे थे. बोरिंग कैनाल रोड के राय जी की गली स्थित एक अपार्टमेंट को लेकर नरेंद्र मिश्र ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दर्ज की, जिस पर कोर्ट ने निगम को आदेश दिया कि निगम क्षेत्र में अवैध तरीके से बन रहे अपार्टमेंट पर अंकुश लगाये. इसको लेकर नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने मई, 2013 के बाद 447 अपार्टमेंटों की जांच करायी, जिसमें बिल्डिंग बाइलॉज का उल्लंघन पाया गया. इनमें से 150 मामलों में अब तक नगर आयुक्त ने अंतिम आदेश पारित कर चुके हैं. मालूम हो कि कुल 260 निगरानीवाद केस दर्ज हैं. इसके साथ ही 110 निगरानीवाद मामलों पर अंतिम फैसला आना बाकी है. नगर आयुक्त ने 15 जनवरी, 2015 तक बाकी मामलों में भी फैसला सुना देंगे.
ट्रिब्यूनल से भी आ गये आठ फैसले
नगर आयुक्त के न्यायालय से अंतिम आदेश मिलने के बाद बिल्डर ने बिल्डिंग ट्रिब्यूनल में अपील की है. अब तक 130 बिल्डरों ने नगर आयुक्त के फैसले के खिलाफ ट्रिब्यूनल में अपील की है. ट्रिब्यूनल कोर्ट में भी लगातार सुनवाई की जा रही है. ट्रिब्यूनल कोर्ट में अब तक आठ मामलों पर फैसला आ गया है. इनमें से तीन बिल्डिंग के अवैध हिस्सों को तोड़ने का आदेश दिया है. ट्रिब्यूनल कोर्ट ने अब तक जितने भी फैसले सुनाये हैं, सभी में नगर आयुक्त के फैसले को बरकरार रखा है.