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कार्य निष्पादन आधारित वेतन मामले में करें हस्तक्षेप

कोल इंडिया अधिकारियों ने की पीएम से मांगनयी दिल्ली. कोल इंडिया के कार्यकारियों ने विश्व की सबसे बड़ी कोयला कंपनी के करीब 19,000 अधिकारियों के लिए कार्य निष्पादन से संबद्ध वेतन (पीआरपी) को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. उच्च स्तरीय समिति द्वारा पीआरपी लागू करने की सिफारिश किये […]

कोल इंडिया अधिकारियों ने की पीएम से मांगनयी दिल्ली. कोल इंडिया के कार्यकारियों ने विश्व की सबसे बड़ी कोयला कंपनी के करीब 19,000 अधिकारियों के लिए कार्य निष्पादन से संबद्ध वेतन (पीआरपी) को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. उच्च स्तरीय समिति द्वारा पीआरपी लागू करने की सिफारिश किये जाने के बावजूद यह मुद्दा लंबे समय से लटका पड़ा है. कंपनी के कार्यकारियों ने मार्च में प्रबंधन से इस संबंध में आश्वासन मिलने के बाद तीन दिन की हड़ताल को पहले ही दिन वापस ले लिया था. कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआइ) ने प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में कहा, ‘हम आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं. तेज और समय पर निर्णय करने के लिए दुनियाभर में आपकी ख्याति है और हमें उम्मीद है कि आपके अविलंब हस्तक्षेप से लंबे समय से अटका यह मुद्दा सुलझ जायेगा.’ सीएमओएआइ के महासचिव पीके सिंह ने कहा है कि पीआरपी एक जनवरी 2007 से लागू वेतन पैकेज का हिस्सा है. प्रदर्शन आधारित वेतन अन्य सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों को मिल रहा है, लेकिन कोल इंडिया (सीआइएल) में यह अभी तक लागू नहीं किया गया. सचिवों की समिति ने 12 मार्च को कोल इंडिया के लिए पीआरपी की सिफारिश कर दी थी, लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान लागू चुनाव आचार संहिता की वजह से इसे लंबित रख दिया गया. सिंह ने कहा, ‘केंद्र में नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस संबंध में कोयला मंत्रालय ने एक कैबिनेट नोट भी पेश किया है, जो कि अंतिम मंजूरी के लिए अभी तक लंबित है.’

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