निर्देशक शेखर कपूर का मानना है कि हिंदी सिनेमा का व्यवसाय जल्दी ही ध्वस्त होनेवाला है, क्योंकि 100 करोड़ की कमाई के चक्कर में बॉलीवुड की ज्यादा-से-ज्यादा फिल्में बहुत ज्यादा पिं्रट में रिलीज हो रही हैं. कपूर ने बताया कि 1987 में जब उन्होंने अपनी फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ को 350 प्रिंट में रिलीज किया था तब लोगों ने उन्हें ‘पागल’ कहा था. हालांकि फिल्म सुपरहिट रही थी. ‘एनएफडीसी फिल्म बाजार’ से इतर एक समूह को संबोधित करते हुए कपूर ने कहा, ‘लेकिन अब स्थिति बदल गयी है. फिल्म निर्माता जल्दी-से-जल्दी 100 करोड़ की कमाई के चक्कर में 4000-5000 प्रिंट रिलीज कर रहे हैं. इस ट्रेंड को देखते हुए मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा का व्यवसाय विध्वंस की ओर जा रहा है.’
विध्वंस की ओर हिंदी सिनेमा का व्यवसाय : शेखर कपूर
निर्देशक शेखर कपूर का मानना है कि हिंदी सिनेमा का व्यवसाय जल्दी ही ध्वस्त होनेवाला है, क्योंकि 100 करोड़ की कमाई के चक्कर में बॉलीवुड की ज्यादा-से-ज्यादा फिल्में बहुत ज्यादा पिं्रट में रिलीज हो रही हैं. कपूर ने बताया कि 1987 में जब उन्होंने अपनी फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ को 350 प्रिंट में रिलीज किया था […]
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