नयी दिल्ली. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने ‘बाहर’ से समर्थित और फैलाये जा रहे आतंकवाद को अफगानिस्तान के लिए मुख्य चुनौती बताया. उन्होंने अमेरिका की पाकिस्तान के प्रति ‘दोहरी’ नीति की भी उन्होंने आलोचना की. करजई ने नयी दिल्ली से कहा कि वह अफगानिस्तान के साथ रक्षा सहयोग में ‘और अधिक प्रयास करे’ और उम्मीद जतायी कि नयी दिल्ली भविष्य में और ‘अधिक सक्रिय’ होगा. कहा कि भारत और चीन को क्षेत्र में चरमपंथ से लड़ने के लिए हाथ मिलाना चाहिए. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान का उन्होंने 20 बार दौरा किया, लेकिन वह उस देश के साथ संबंधों को पूरी तरह सुधारने में नाकाम रहे. वह कई पर आरोप लगा चुके हैं कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में आतंक को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. एचटी लीडरशिप समिट में यहां अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान पर अमेरिका की नीति का उल्लेख करते वक्त उनके पहले के एक बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह वैसा ही है जैसे कि ‘घर के मालिक को चोर पकड़ने के लिए कहना और फिर चोर के लिए दरवाजा खुला छोड़ देना.’ उन्होंने कहा कि यह एक फारसी कहावत थी. उन्होंने कहा था, ‘मेरा मानना है कि उन्होंने वैसा ही किया जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था.’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस चीज से उन्होंने अमेरिका को अवगत कराया था, करजई ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा था और उन्हें जवाब में ‘चुप्पी’ मिली. उन्होंने तुरंत कहा, ‘हम अन्य विषयों की ओर बढ़े.’
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बाहरी आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए मुख्य चुनौती : करजई
नयी दिल्ली. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने ‘बाहर’ से समर्थित और फैलाये जा रहे आतंकवाद को अफगानिस्तान के लिए मुख्य चुनौती बताया. उन्होंने अमेरिका की पाकिस्तान के प्रति ‘दोहरी’ नीति की भी उन्होंने आलोचना की. करजई ने नयी दिल्ली से कहा कि वह अफगानिस्तान के साथ रक्षा सहयोग में ‘और अधिक प्रयास करे’ […]
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