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डकरा में बरबाद हो रहे हैं 50 करोड़ के भवन….ओके

डकरा. एनके महाप्रबंधक कार्यालय डकरा की 200 मीटर की परिधि में नौ ऐसे संस्थानों के भवन हैं, जो रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. प्रबंधन उक्त भवनों की सुरक्षा व उपयोग की दिशा में कोई काम नहीं कर रहा है. वर्तमान में डकरा केंद्रीय विद्यालय, डकरा कॉलेज, विद्या विकास केंद्र हाइस्कूल, […]

डकरा. एनके महाप्रबंधक कार्यालय डकरा की 200 मीटर की परिधि में नौ ऐसे संस्थानों के भवन हैं, जो रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. प्रबंधन उक्त भवनों की सुरक्षा व उपयोग की दिशा में कोई काम नहीं कर रहा है. वर्तमान में डकरा केंद्रीय विद्यालय, डकरा कॉलेज, विद्या विकास केंद्र हाइस्कूल, डकरा वीटीसी सेंटर, डकरा डिस्पेंसरी, सीआइएसएफ के लिए बने क्वार्टर व केडीएच डीजी सेट का भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. वहीं सुभाषनगर में बना टाना भगत आइटीआई संस्थान और पंप हाउस भवन की बुनियाद में लगी ईंट तक चोरी हो चुकी है. सीसीएल असैनिक विभाग के एक सीनियर इंजीनियर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वर्तमान समय में ऐसे भवन बनाने के लिए कम-से-कम 50 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. आठ साल से बंद पड़ा है डकरा केंद्रीय विद्यालय भवन (एक)फोटो- 1 बंद पड़ा केंद्रीय विद्यालय भवनडकरा. 80 के दशक में बना डकरा केंद्रीय विद्यालय का भवन पिछले आठ साल से वीरान पड़ है. कभी विद्यार्थियों से गुलजार रहनेवाला उक्त भवन वर्तमान में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन और कोल इंडिया के बीच हुए विवाद के बाद वर्ष 2006 में विद्यालय को बंद कर दिया गया था. वर्ष 2008 में प्रबंधन ने उक्त भवन को किसी अच्छी शिक्षण संस्थान को देने का निर्णय लिया था. इसके लिए वर्ष 2010 में विज्ञापन भी निकाला गया था, जिसमें चार विद्यालयों आगे आये थे. इसका प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजा गया, लेकिन चार साल में मुख्यालय ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया. आज तक किसी भी श्रमिक संगठन ने उक्त मुद्दे को नहीं उठाया है. रखरखाव के अभाव में भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. (जारी)

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