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पं नेहरू की जयंती. मोदी सरकार पर राहुल ने साधा निशाना, कहा

नेहरू की नीतियां प्रासंगिकनेहरू को इतिहास से मिटाने का हो रहा प्रयासनेहरूवादी अवधारणाएं चुनौतियों के दायरे में : सोनियाएजेंसियां, नयी दिल्लीनरेंद्र मोदी सरकार पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को उन लोगों की आलोचना की जो नेहरू को इतिहास से मिटाने का प्रयास कर रहे हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री […]

नेहरू की नीतियां प्रासंगिकनेहरू को इतिहास से मिटाने का हो रहा प्रयासनेहरूवादी अवधारणाएं चुनौतियों के दायरे में : सोनियाएजेंसियां, नयी दिल्लीनरेंद्र मोदी सरकार पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को उन लोगों की आलोचना की जो नेहरू को इतिहास से मिटाने का प्रयास कर रहे हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर कांग्रेस द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस बात की पुष्टि की कि नेहरू द्वारा समर्थित लोकतंत्र, समावेश और सशक्तिकरण स्थायी तौर पर प्रासंगिक हैं. कांग्रेस द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन के अपने समापन भाषण में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, अब जबकि नेहरूवादी अवधारणाएं चुनौतियों के दायरे में हैं, हमें न सिर्फ नेहरू ने जो निर्मित किया, उसका पालन करना है, बल्कि लोकतंत्र, समावेश और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाने के लिए भी संघर्ष करना है. उन्होंने कहा कि नेहरू के विचार साझे हित की बात है जो सभी वर्गों से जुडे हैं. मौके पर कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र भी जारी किया. सोनिया ने कहा, घोषणापत्र इन विचारों को पोषित करने की सामूहिक वचनबद्धता की पुष्टि करता है.विघटनकारी ताकतों से सचेत रहें : जॉनघाना के पूर्व राष्ट्रपति जॉन कूफुअर ने घोषणा पत्र को पढ़ा. इसमें कहा गया है ‘नेहरू के विश्व के विचार और उनकी विरासत पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेनेवाले हम 20 देशों, 29 राजनीतिक दलों और संगठनों के प्रतिनिधि विश्व को उन प्रवृत्तियों के प्रति आगाह करते हैं, जो विघटनकारी हैं या जो समाज मंे टकराव पैदा करते हैं.नेहरू के दृष्टिकोण को अपनायेंघोषणापत्र में कहा गया है, ‘मानव जाति के प्रतिनिधि के रूप में हम नेहरू के दृष्टिकोण पर चलने, उनकी भावनाओं को आत्मसात करने तथा उनकी विरासत को पूरी दुनिया में आगे ले जाने के लिए उनके द्वारा समर्थित मूल्यों को विकसित करने की उम्मीद करते हैं, ताकि हमारे सभी क्रियाकलापों मंे शांति का प्रभाव हो और हिंसा को नकारा जाये.’ सम्मेलन में नेहरू की विरासत और उनके विश्व दर्शन को रेखांकित किया गया.सम्मेलन में अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं तथा भारत एवं विदेश के कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इनमंे अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, घाना के पूर्व राष्ट्रपति जॉन कूफुअर, नाइजीरिया के जनरल ओबासांजो, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव के नेपाल और भूटान से दोरजी वांगमो वांगचुक के साथ पाकिस्तान की आसमां जहांगीर, दक्षिण अफी्रका के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी अहमद कथराडा एवं दुनियाभर से 11 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे. मंगलवार को कार्यक्रम मंे सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने भी भाग लिया.

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