रांची: एशिया के पहले और राज्य के एकमात्र वानिकी महाविद्यालय के एक भी विद्यार्थी का सरकार नियोजन नहीं कर पायी है. वन विभाग ने नियोजन का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें 1985 की नियुक्ति नियमावली को आधार बनाया जा रहा है.
पहले राज्य सरकार खुद ही तय कर चुकी है कि रेंजर और एसीएफ की नियुक्ति में 50 फीसदी प्राथमिकता संस्थान के विद्यार्थियों को दी जायेगी. ऐसा तत्कालीन वन विभाग के सचिव सुधीर प्रसाद के कार्यकाल में ही हुआ था. अब सुधीर प्रसाद के कार्यकाल में बनायी गयी पुरानी नियमावली के आधार पर नियुक्ति की अधियाचना झारखंड राज्य लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को भेजी गयी है.
नयी नियुक्ति नियमावली भी बन कर तैयार है. यह राज्यपाल के सलाहकार के पास कैबिनेट के अनुमोदन के लिए गया हुआ है. विद्यार्थियों का कहना है कि जब कुछ दिनों में नयी नियुक्ति नियमावली बन जायेगी, तो पुरानी नियमावली के आधार पर नियुक्ति का क्या मतलब है.