सुझाव. रिजर्व बैंक ने वित्तीय संस्थानों को दिया सलाहरिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने राज्य सरकारों की ऋण माफी योजना मुखालफत कीएजेंसियां, मुंबई रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने उपभोक्ता हितों के संरक्षण, छोटे कारोबारियों को आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने और उस पर ब्याज दरों की उचित सीमा तय करने के लिए देश के वित्तीय संस्थानों को सलाह दी है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराये गये ऋण की माफी योजना पर भी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने गुरुवार को यहां नाबार्ड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन में ये बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों द्वारा बार-बार ऋण माफी से ऋण व्यवस्था में गड़बड़ होती है. अंतत: इससे ऋण बाजार खराब होता है. पिछले साल चक्रवातीय तूफान फैलिन के बाद आंध्र प्रदेश व तेलंगाना, राज्य सरकारों ने किसानांे के लिए ऋण माफी की घोषणा की थी. तेलंगाना सरकार ने जहां माफ किये गये ऋण का 25 प्रतिशत बैंकों को दे दिया है, वहीं आंध्र प्रदेश सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया है. इन दो राज्यों में बैंकों ने कृषि क्षेत्र को 1.3 लाख करोड रपये का रिण दिया हुआ है. राजन ने उपभोक्ता हितांे के संरक्षण के लिए ब्याज दरांे की उचित सीमा तय करने की जरूरत पर भी बल दिया. उन्हांेेने कि सूक्ष्म वित्त कंपनियांे से ऋण पर ब्याज दरांे की उचित सीमा तय की जानी चाहिए.माह के अंत तक खुलेगा भुगतान बैंकरिजर्व बैंक छोटे और भुगतान बैंकों की स्थापना के लिए मानदंड तय करने के बाद इस महीने के आखिर तक आवेदन आमंत्रित करेगा. ये बैंक छोटे कारोबारियों और निम्न आयवर्ग के परिवारों की जरूरतें पूरी करेंगे. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसके साथ ही केंद्रीय बैंक अपनी नकदी प्रबंधन प्रणाली को भी बेहतर बनाने की योजना बना रहा है. राजन ने यह भी कहा कि अपनी जरूरतों के लिए छोटा-मोटा ऋण लेनेवालों की मनमानी ब्याज ऊंची दरों से सुरक्षा की जानी चाहिए.ब्याज दरों की अधिकतम सीमा तय होराजन ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सूक्ष्म वित्त ऋणदाताओं द्वारा दिये जानेवाले ऋण पर ब्याज दरों की उचित अधिकतम सीमा तय की जानी चाहिए. तत्कालीन अविभाजित आंध्रप्रदेश में अक्तूबर 2010 मेंं उपजे संकट के कारण सूक्ष्म वित्त क्षेत्र की स्थिति काफी बिगड़गयी थी. इसके बाद आरबीआइ द्वारा गठित मालेगाम समिति ने इस क्षेत्र के लिए 26 प्रतिशत ब्याज दर सीमा तय करने का सुझाव दिया था. केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2012 में इस सीमा को अधिसूचित किया था. रक्षा-एयरोस्पेस क्षेत्र में मिलेंगे कारोबारी अवसरहैदराबाद. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग में पूर्व सचिव वी के सारस्वत ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रक्षा एवं एयरोस्पेस उदयोग में अगले 15 साल में 200 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर होंगे. वे यहां ‘रक्षा एंड एयरोसप्लाई इंडिया’ सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उक्त राशि में से 30 अरब डॉलर तो केवल ‘आफसेट’ से ही होंगे. उन्होंने प्रौद्योगिकीय कौशल के लिए दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय इसे देश में ही हासिल करने पर जोर दिया. केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ प्रयासों का जिक्र करते हुए यह ‘डिजाइन एंड मेक इन इंडिया’ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में डिजाइनिंग भी बड़े पैमाने पर की जा सकती है.
कर्ज पर हो उचित ब्याज दर
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