रांची : झारखंड के पूर्व पर्यटन मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का ने यहां विशेष सीबीआई अदालत में आज आत्मसमर्पण कर दिया ,जिसने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
एक्का और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक लगभग 15 करोड़ रुपये की संपत्ति रखने का एक मामला दर्ज है. मेनन एक्का ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की आर के चौधरी की विशेष अदालत में आज आत्मसमर्पण किया. अदालत ने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
मेनन एक्का सिमडेगा जिला परिषद् की अध्यक्ष भी हैं. वह पिछले कई माह से इस मामले में फरार चल रही थीं जबकि उनके पति एनोस एक्का को इस मामले में जमानत मिल चुकी है और वह नियमित अदालत में पेश होते हैं. एनोस एक्का पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की सरकार में पर्यटन मंत्री थे.
एनोस एक्का पर आरोप है कि उन्होंने मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री रहने के दौरान अवैध ढंग से कमाई गयी संपत्ति को अपने और अपनी पत्नी के नाम से निवेश किया. इस मामले में मेनन एक्का सीबीआई के सम्मन पर पेश नहीं हुई थीं. वह सीबीआई अदालत के वारंट पर भी पेश नहीं हुई लिहाजा उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था.इससे पहले एनोस एक्का से जुड़े साढ़े आठ करोड़ रुपये के हवाला मामले में अनेक बार नोटिस जारी होने के बावजूद एक वर्ष से अधिक समय से गवाही के लिए पेश न होने पर उसकी पत्नी मेनन एक्का के खिलाफ 11 जून को प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत ने भी मेनन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे.सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की आर के चौधरी की विशेष अदालत ने एनोस एक्का की पत्नी और सिमडेगा जिला परिषद् की वर्तमान अध्यक्ष मेनन एक्का के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर गैर जमानती वारंट जारी किया था.प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया था कि मेनन पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से अपने पति को बचाने के लिए अदालत से जारी अनेक नोटिसों के बावजूद गवाही के लिए अदालत में पेश नहीं हुई. जबकि इस मामले में आरोपी उनके पति एनोस एक्का को मामले में जमानत मिल चुकी है और वह हर तारीख पर अदालत में पेश हो रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र के अनुसार एक्का मंत्री के रुप में गलती तरीके से प्राप्त धन को विभिन्न कंपनियों में हवाला के माध्यम से अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम से निवेश करते थे.