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सब्सिडीवाले सिलिंडरों में नहीं होगी कटौती

घोषणा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नकद सब्सिडी देने की कही बातएजेंसियां, नयी दिल्लीसरकार की प्रति परिवार मौजूदा 12 सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति में कमी करने की कोई योजना नहीं है. सरकार जून तक देशभर में उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रही है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने […]

घोषणा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नकद सब्सिडी देने की कही बातएजेंसियां, नयी दिल्लीसरकार की प्रति परिवार मौजूदा 12 सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति में कमी करने की कोई योजना नहीं है. सरकार जून तक देशभर में उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रही है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक साक्षात्कार में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि वास्तव में सब्सिडीयुक्त एलपीजी कोटा में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार ने अगस्त में सब्सिडीवाले 14.2 किलो के 12 सिलिंडर साल में कभी भी लेने की आजादी दी, जबकि इससे पहले महीने में केवल एक सब्सिडी वाला सिलिंडर लिया जा सकता था.नकद सब्सिडी के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं प्रधान ने कहा कि मंत्रिमंडल ने पिछले शनिवार को सब्सिडीयुक्त एलपीजी के लिये उसके मौजूदा मूल्य तथा वास्तविक बाजार भाव में अंतर के बराबर नकद सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में डालने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना को सुधार के साथ जारी किया. नयी योजना में पिछली सरकार में शुरू की गयी योजना की तरह नकद सब्सिडी लेने के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य नहीं है. फिलहाल संशोधित प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटी) को 54 जिलों में शुरू किया जा रहा है. एक जनवरी से इसे देश के सभी शेष जिलों में लागू किया जायेगा.तीन महीने के भीतर सभी जिलों में होगा विस्तारकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तीन महीने में सभी जिलों में इसका विस्तार हो जायेगा. अगले तीन महीनों के दौरान ज्यादातर ग्राहकों को इसमें शामिल कर लिया जायेगा. जून तक बहुसंख्यक एलपीजी उपभोक्ता इसके दायरे में होंगे. जनधन योजना के तहत खातें खोलनेवाले एलपीजी उपभोक्ता भी संशोधित योजना से लाभान्वित होंगे. इस योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से अधिक खाते खोले गये हैं. साल के अंत तक 4 करोड़ और खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का मकसद प्रति परिवार कम-से-कम एक बैंक खाता होने का लक्ष्य रखा गया है.880 रुपये में मिलेगा अतिरिक्त सिलिंडर फिलहाल एलपीजी उपभोक्ताओं के बैंक खातों को उनके रसोई गैस संख्या से जोड़ा जा रहा है. यह हो जाने पर नकद सब्सिडी बैंक खातों में सीधे भेजी जा सकेगी, ताकि उपभोक्ता एलपीजी सिलिंडर बाजार दर पर खरीद सके. उपभोक्ताओं को साल भर में 12 सिलिंडर सब्सिडी पर मिलते हंै. दिल्ली में सब्सिडीवाले एक सिलिंडर की कीमत 414 रुपये है. अतिरिक्त सिलिंडर बाजार मूल्य 880 रुपये में मिलेगा. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार गरीबोें के हितों के लिये काम कर रही है. साथ ही, वह देश में कारोबार करने को सुगम भी बनायेगी. उन्होंने कहा कि सुधार और गरीब समर्थक होना विरोधाभासी नहीं है. गरीब समर्थक होने का यह मतलब नहीं है कि सुधार की गाड़ी आगे नहीं बढे़गी.मिशन मोड में लागू होगी योजनापूर्व यूपीए सरकार ने एलपीजी के लिए डीबीटी को आधार संख्या से जोड़ा था, लेकिन इसमें कुछ अदालती आदेश समेत कानूनी मुद्दे थे. अदालत के आदेश से योजना के इस रूप से क्रियान्वयन पर रोक लगायी गयी है. इसीलिए नयी सरकार ने यह निर्णय किया कि आधार के अलावा जिन लोगों के भी बैंक खाते हैं, उन्हें सीधे उनके खाते में एलपीजी सब्सिडी मिलेगी. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि योजना को मिशन मोड में क्रियान्वित किया जायेगा. ऐसा कोई ग्राहक नहीं होगा, जिन्हें आधार संख्या न होने पर एलपीजी देने से मना किया जायेगा. प्रधान ने कहा कि सरकार डीबीटी के तहत दी जानेवाली सब्सिडी राशि तय करने पर काम कर रही है.बॉक्स आइटमस्पेक्ट्रम ई-नीलामी की एजेंसी चयन को निविदा आमंत्रितदूरसंचार विभाग ने विभिन्न बैंडांे मंे स्पेक्ट्रम की ई-नीलामी करनेवाली एजेंसी के चयन को निविदा आमंत्रित की है. विभाग ने इसमंे 22 दूरसंचार सेवा क्षेत्रांे के लिए नीलामी कई दौर मंे साथ-साथ चलेगी. इच्छुक पक्षांे की तकनीकी व वित्तीय बोलियां विभाग के पास 11 नवंबर, 2014 तक पहुंचनी चाहिए. दूरसंचार विभाग जल्द 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज तथा 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड मंे स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा. इच्छुक पक्षांे को अपने प्रस्ताव के साथ 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि जमा करानी होंगे. नीलामी करानेवाली कंपनी के शुल्क के बारे मंे दूरसंचार विभाग ने कहा कि बोली लगानेवाली कंपनियांे को प्रत्येक सेवा क्षेत्र के लिए मूल्य बताना होगा.डब्ल्यूटीओ में खाद्य सुरक्षा पर स्थायी समाधार जरूरीसंयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि विकासशील देशों को अपनी गरीब आबादी का पेट भरने के लिए खाद्य भंडारों के इस्तेमाल की आजादी होनी चाहिए. इस मामले में ‘किसी प्रकार की पाबंदी का खतरा नहीं हो.’ भारत ने इसी संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों में बदलाव कर खाद्य सुरक्षा के मुद्दे का स्थायी हल निकाले जाने पर बल दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के दूत अमित नारंग ने यूएन महासभा में ‘वृहत् आर्थिक नीतियों के सवाल : अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं विकास’ विषय पर चर्चा में कहा कि विकासशील देशों में खाद्य सुरक्षा का मुद्दा गरीबी उन्मूलन एवं सतत विकास का केंद्रीय मुद्दा है. इसे यदि ज्यादा नहीं तो कम से कम उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए, जितना अन्य मुद्दों को दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय खाद्य सुरक्षा को 2015 पश्चात के विकास एजेंडे का हिस्से के तौर पर उच्च प्राथमिकता प्रदान कर रहा है पर विश्व व्यापार नियमों में इस महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के संबंध में अनिच्छा दिखती है.

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