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स्विस बैंकों का चार भारतीयों को फरमान

31 दिसंबर तक निकाल लें अपना पैसाकाले धन पर सरकार की पहल तेजएजेंसियां, नयी दिल्लीस्विट्जरलैंड के अग्रणी बैंकों ने काले धन को लेकर विवादों में घिरे ऐसे भारतीय ग्राहकों से दूरी बनाने का प्रयास करना शुरू कर दिया है, जो भविष्य में उनके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. स्विस बैंकों ने ऐसे चार […]

31 दिसंबर तक निकाल लें अपना पैसाकाले धन पर सरकार की पहल तेजएजेंसियां, नयी दिल्लीस्विट्जरलैंड के अग्रणी बैंकों ने काले धन को लेकर विवादों में घिरे ऐसे भारतीय ग्राहकों से दूरी बनाने का प्रयास करना शुरू कर दिया है, जो भविष्य में उनके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. स्विस बैंकों ने ऐसे चार भारतीयों से अपना पैसा 31 दिसंबर तक निकाल लेने को कहा है. बताया जा रहा है कि इनमें से तीन मुंबई और एक दिल्ली का रहनेवाला है. पिछले कुछ हफ्तों से बैंक प्रबंधकों द्वारा गोपनीय खातों को बंद करने को कहा जा रहा है. एक खाताधारक को 30 अक्तूबर तक अपना खाता बंद करने को कहा गया है, जबकि एक अन्य खाताधारक को यह साबित करने को कहा गया है कि क्या उसने बैंक में जमा कराये गये धन पर टैक्स चुकाया है. एक दशक पहले ये खाते स्विस बैंकों में खोले गये हैं. भारतीय खाताधारकों को ये फोन कॉल जूलियस बेयर, क्रेडिट सुइस और यूबीएस बैंक से आये हैं, जो भारत में कार्यरत कंपनियों के बीच अपनी गोपनीयता और सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं. इकोनॉमिक टाइम्स के द्वारा भेजे गये ई-मेल संदेश के जवाब में जूलियस बेयर एंड कंपनी ने किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया, जबकि क्रेडिट सुइस बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘अपनी नीतियों के कारण क्रेडिट सुइस ऐसे क्लाइंट रिलेशनशिप के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेगा. क्रेडिट सुइस भारतीय बाजार और भारतीय क्लाइंट्स के हितों के प्रति अत्यधिक सतर्क है और हम लगातार देख रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और आनेवाले समय में बैंक के लिए यह एक बड़ा मार्केट है.’ साझा योजना पर काम शुरूभारत और स्विट्जरलैंड एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे कि स्विस बैंकों में खाता खोलने वाले भारतीय ग्राहकों के नाम तुरंत भारत सरकार को प्राप्त हो जायें. स्विस बैंकों से जिन लोगों को अपने खाते बंद करने का संदेश प्राप्त हुआ है, उनका मानना है कि यह सब भारत सरकार के दबाव में किया जा रहा है. लिस्ट में कई नेताओं के नाम इस बीच, केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में अवैध खाताधारकों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रि या शुरू कर दी है. इसके साथ काला धन रखनेवालों के नाम सार्वजनिक किये जाने की राह आसान हो गयी है. इनमें कई सफेदपोश नेताओं के नाम भी शामिल हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार ने विदेश में एक अवैध बैंक खाताधारक के खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिनेवा लिस्ट में शामिल 15-20 और लोगों पर भी जल्द नकेल कसी जायेगी. स्विस प्रशासन लिस्ट में शामिल लोगों की पहचान की पुष्टि कर चुका है. स्विस प्रशासन ने यह शर्त रखी है कि इनकी पहचान सिर्फ कोर्ट के सामने उजागर की जाये. भारत सरकार इस शर्त का पालन करेगी.यूपीए के मंत्री का नाम लिस्ट में!राजनीतिक गलियारों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक बड़े बिजनेस घराने से अच्छे संबंध वाले एक अन्य मंत्री के बेटे और एक राजनीतिक परिवार के वारिस का नाम चर्चा में है. सूत्रों के अनुसार, एक नयी लिस्ट में उन 19 लोगों का नाम है, जिनके लिचटेन्स्टाइन बैंक में खाते हैं. यह लिस्ट दिवाली के बाद सुप्रीम कोर्ट से साझा की जा सकती है. इससे पहले लिस्ट में करीब 20 लोगों के नाम भी सरकार को साझा किये गये हैं. उधर, यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे ‘आरोपी’ को पूछताछ का नोटिस भेजा गया है. दिलचस्प बात यह कि उनके यूएई में भी बैंक खाते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि वह अपना स्विस खाता काफी पहले बंद कर चुके हैं.किसी कांग्रेसी नेता का नाम उसका निजी अपराध : चिदंबरम पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि काला धन रखनेवालों की सूची का ‘बड़ा नाम’ कांग्रेस को कतई शर्मिदा नहीं करेगा. एनडीटीवी की समूह संपादक बरखा दत्त से खास बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि अगर काला धन रखने वालों की सूची में किसी कांग्रेसी नेता का नाम है, तो इससे वह व्यक्ति शर्मिंदा होगा, न कि कांग्रेस पार्टी. कालेधन की सूची में किसी निजी नेता का नाम उसका खुद का अपराध होगा और ऐसे खाते को कांग्रेस से नहीं जोड़ सकते.

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