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आदिवासियों में एकता नहीं, इसलिए कमजोर : संगमा

– लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष ने उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्राओं को संबोधित किया फोटो संवाददाता, रांचीलोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी दस करोड़ है, पर उनमें एकता नहीं होने से वे कमजोर हैं. लोकसभा में 47 और विधानसभाओं में […]

– लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष ने उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्राओं को संबोधित किया फोटो संवाददाता, रांचीलोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और नेशनल पीपुल्स पार्टी के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने कहा कि देश में आदिवासियों की आबादी दस करोड़ है, पर उनमें एकता नहीं होने से वे कमजोर हैं. लोकसभा में 47 और विधानसभाओं में 529 एसटी सीटें होने के बावजूद वे अब भी पिछड़े हैं. देश 1947 में आजाद हुआ, पर पहला आदिवासी कैबिनेट मंत्री वर्ष 1995 में बनाया गया. वह पहले ट्राइबल स्पीकर भी बने. वह सोमवार को उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्राओं को संबोधित कर रहे थे.महिलाएं ही बदल सकती हैं किस्मत उन्होंने कहा कि 150 साल पहले गारो पहाड़ी में मिशनरियों ने जब पहला स्कूल खोला, तो वह बालिका विद्यालय था. कुछ वर्षों बाद इटली के कैथोलिक मिशनरियों ने भी वहां बालिका विद्यालय ही खोला. जब उन्होंने इसका कारण पता किया, तो मालूम हुआ कि एक बालिका को शिक्षित करने का अर्थ पूरे परिवार को शिक्षित करना है. वह मानते हैं कि किस्मत पुरुष नहीं, महिलाएं ही बदलती हैं. 33 फीसदी महिला आरक्षण का बिल जब पारित हो जायेगा, तो जो अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, उनके लिए हर क्षेत्र में अवसर होंगे. इसलिए छात्राएं अच्छे से पढ़ायी करें. युवा ला सकते हैं राजनीति में सुधारक्या लड़कियों को राजनीति में आना चाहिए? एक छात्रा के इस सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में अच्छे और मेहनती लोगों को सामने आना चाहिए. प्रतिबद्धता, परिश्रम और अनुशासन के मामले में लड़कियों की कोई सानी नहीं. भारत की राजनीति गंदी हो गयी है, जब तक अच्छे लोग सामने नहीं आयेंगे, यही स्थिति बनी रहेगी. महिलाएं इस क्षेत्र में अधिक से अधिक संख्या में आयें. युवा ही राजनीति में सुधार ला सकते हैं. भारत को कोई नहीं पछाड़ सकताउन्होंने कहा कि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र है और इसे कोई नहीं पछाड़ सकता. 66 फीसदी आबादी युवाओं की है. हमारी सिर्फ 35 फीसदी आबादी कार्यरत है. यदि यह 65 फीसदी हो गयी, तो सोचिए कि हम क्या कर सकते हैं. झारखंड राजनीतिक अस्थिरता के कारण ही हर क्षेत्र में समृद्ध होने के बावजूद पिछड़ा रह गया है. उनके संबोधन से पूर्व प्राचार्या डॉ सिस्टर मेरी ग्रेस ने अतिथियों का स्वागत किया.

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