डीआरडीओ ने पीएमओ से कहानयी दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (डीआरडीओ) को बताया है कि उसकी योजना देश को 2022 तक ‘प्रक्षेपास्त्र आयात मुक्त’ करने की है. डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंद्र ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य 2022 तक भारत को मिसाइल आयात मुक्त करना है. इसका मतलब है कि हमें हवा से जमीन, सतह से हवा और हवा से हवा में मार करने वाली कोई मिसाइल आयात करने की जरूरत नहीं होगी.’ कहा कि हमने इस दूरदृष्टि को प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकार के शीर्ष स्तर से साझा किया है.’ कहा ‘ गत कुछ वर्षों में देश ने अग्नि और पृथ्वी जैसी सामरिक मिसाइलों के क्षेत्र में एक विशेषज्ञता पहले ही विकसित कर ली है, जिन्हें अब सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है. भारतीय सैन्य अनुसंधान प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत ने तकनीकी जानकारी हासिल की और बहुत कम या नामात्र के उपकरणों का आयात करके स्वदेशी तौर पर सामरिक मिसाइलों को बनाने की तकनीक हासिल करके उनका विकास किया. कई मिसाइल विकास कार्यक्रम चल रहे थे जिसके तहत डीआरडीओ आयातित सिस्टम की जगह लेने के लिए मिसाइल बनाने पर काम कर रहा था. जिन सिस्टम का विकास किया जा रहा था उनमें हवा से हवा में मार करनेवाली अस्त्र मिसाइल, 1500 किमी मार करनेवाली निर्भय क्रूज मिसाइल और बीएमपी माउंटेड नाग टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल प्रणाली शामिल है. स्वदेशी प्रणाली के निर्यात की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर चंद्र ने कहा कि सरकार को इस संबंध में नीति बनानी होगी.
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2022 तक मिसाइल आयात मुक्त होगा भारत
डीआरडीओ ने पीएमओ से कहानयी दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (डीआरडीओ) को बताया है कि उसकी योजना देश को 2022 तक ‘प्रक्षेपास्त्र आयात मुक्त’ करने की है. डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंद्र ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य 2022 तक भारत को मिसाइल आयात मुक्त करना है. इसका मतलब है कि हमें हवा […]
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