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आज से पुराने जगह पर ही चलेगा सर्ड कार्यालय

फोटो अमित दासमंत्री केएन त्रिपाठी का फैसला-मंत्री पहुंचे सर्ड परिसर, दिया आदेश-ग्रामीण विकास मंत्री का कक्ष भी बनेगा-मंत्री के सवालों का जवाब नहीं दे सके निदेशकप्रमुख संवाददाता, रांची राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) का कार्यालय पुराने जगह (नॉर्थ कैंपस) में ही चलेगा. यहां अन्य कार्यालय एनआरएलएम, जल छाजन मिशन आदि भी चलेंगे. इसके साथ ही […]

फोटो अमित दासमंत्री केएन त्रिपाठी का फैसला-मंत्री पहुंचे सर्ड परिसर, दिया आदेश-ग्रामीण विकास मंत्री का कक्ष भी बनेगा-मंत्री के सवालों का जवाब नहीं दे सके निदेशकप्रमुख संवाददाता, रांची राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) का कार्यालय पुराने जगह (नॉर्थ कैंपस) में ही चलेगा. यहां अन्य कार्यालय एनआरएलएम, जल छाजन मिशन आदि भी चलेंगे. इसके साथ ही ग्रामीण विकास मंत्री का कक्ष भी इसी परिसर में बनेगा, ताकि समय-समय पर मंत्री यहां पर भी बैठ सकें और यहां के कार्यालयों की गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर सकें. इसकी घोषणा ग्रामीण विकास, पंचायती राज सह श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने रविवार को की. श्री त्रिपाठी संयुक्त सचिव बी निजलिंगप्पा व अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ सर्ड कैंपस पहुंचे थे. उन्होंने कार्यालय भवन को खुलवा कर देखा. साथ ही आवासीय परिसर भी गये और लोगों से ताला बंद करने के संबंध में जानकारी ली. मंत्री ने शुक्रवार की रात सर्ड कैंपस के गेटों में ताला लगाने के मामले को गंभीरता से लिया था. इसके बाद शनिवार को ही उन्होंने जांच के आदेश दिये थे. वहीं आज वह खुद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने वहां सर्ड निदेशक प्रवीण टोप्पो को भी बुलाया. मंत्री ने सर्ड कार्यालय खाली करके साउथ कैंपस ले जाने के मामले में निदेशक से कई सवाल किये. साथ ही नाराजगी भी व्यक्त की. मंत्री यह जानना चाह रहे थे कि आखिर बिना उनसे पूछे कैसे कार्यालयों को शिफ्ट करने के संबंध में फैसला लिया गया. निदेशक मंत्री के सवालों का जवाब नहीं दे सके. मंत्री ने निदेशक से कहा कि हर हाल में यहां सोमवार से सर्ड का दफ्तर शिफ्ट हो जाये.डरे-सहमे लोग जवाब देने से कतराते रहेआवासीय परिसर में जाकर मंत्री ने वहां रह रहे परिवार वालों को बुलाया. यहां रहनेवाले सर्डकर्मी के परिवार हैं, पर वे मंत्री के सामने जाने से कतराते रहे. निदेशक व अन्य अफसरों के सामने डर से कुछ भी कहने को वे तैयार नहीं थे. बाद में एक युवक ने ताला बंदी के संबंध में घटना की जानकारी दी. उन्हें बताया कि रात से लेकर सुबह तक वह कैद था. ताला के कपड़े में केजरीवाल फैमिली प्रॉपर्टी लिखी हुई थी.मीडिया के सवालों से भागे निदेशकमंत्री के जाने के बाद निदेशक प्रवीण टोप्पो मीडिया के सवालों से भागने लगे. जब उनसे यह पूछा गया कि सर्ड का दफ्तर यहां कब से आयेगा, तो वे बिना जवाब दिये निकल गये. पूरे प्रकरण की होगी जांच, कड़ी कार्रवाई भी: मंत्रीमौके पर मंत्री श्री त्रिपाठी ने कहा कि सर्ड दफ्तर की जगह दूसरे दफ्तर को लाने संबंधी अफसरों के आदेश को उन्होंने निरस्त कर दिया है. यहां पर सर्ड कार्यालय ही रहेगा. जगह रहने पर जल छाजन, एनआरएलएम आदि के कार्यालय आयेंगे. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच होगी. इसकी जिम्मेवारी एक अखिल भारतीय सेवा के अफसर को दी गयी है. रिपोर्ट के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी.एक और साजिश का परदाफाशसबसे दिलचस्प बात है कि सर्ड कार्यालय शिफ्ट करने के बाद वहां जल छाजन मिशन का बोर्ड लगा दिया गया था. यह बोर्ड कल तक वहां था, जिससे यह पता चल रहा था कि यहां जल छाजन का दफ्तर आयेगा. अफसर भी यही कह रहे थे, लेकिन रविवार को वहां से जल छाजन का बोर्ड गायब था. जानकार बताते हैं कि साजिश के तहत इसे लगाया और हटाया गया है. वहां दफ्तर शिफ्ट करने की भी योजना नहीं थी, हालांकि विभागीय सचिव अरुण कहते रहे कि दफ्तर वहीं जायेगा.बदनाम किया जा रहा है : केजरीवालसर्ड परिसर में ताला लगाने के मामले में केजरीवाल फैमिली को बदनाम किया जा रहा है. ताला पर लगे कपड़े में केजरीवाल फैमिली प्रोपर्टी लिख कर झूठा आरोप लगाया जा रहा है. साजिश की जा रही है. यह कहना है कि रातू रोड के पवन कुमार केजरीवाल का. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि सर्ड कार्यालय की जमीन वर्ष 2000 में परिवार के सदस्यों के नाम खरीदी थी. उक्त जमीन की रसीद भी उच्च न्यायालय के आदेश पर कट रही है. उन्होंने लिखा है कि हमें बदनाम करने व जमीन को विवादास्पद करने के उद्देश्य से ही ताला लगा कर हमारा नाम लिखा गया है. उन्होंने लिखा है कि हमलोगों ने सर्ड कार्यालय को खाली करवाने के लिए न्यायालय में इवैक्शन सूट (2/2013) फाइल की है.

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