रांची: राज्य के प्रथम नागरिक राज्यपाल का घर होता है राजभवन. परिसर के अंदर और बाहर साफ -सुथरा, सुंदर और अनुशासित परिवेश. झारखंड का राजभवन भी ऐसा ही है, लेकिन चहारदीवारी के बाहर के दृश्य नगर निगम व जिला प्रशासन की कार्यशैली और आम लोगों की करतूतों पर सोचने को मजबूर कर देते हैं. राजभवन की चहारदीवारी के अंदर जहां चहुंओर हरियाली, साफ -सफाई है, वहीं चहारदीवारी के बाहर गंदगी का अंबार लगा है.
सड़क पर पानी और कीचड़ जमा हुआ है. नालियां जाम हैं. सामने से गुजरने के दौरान नाक पर रूमाल रखने की विवशता होती है. लोग बिना किसी संकोच के चहारदीवारी से सट कर शौच करते देखे जा सकते हैं. लोग कहते हैं : जब राजभवन के बाहर यह हालत है, तो पूरे शहर की स्थिति क्या होगी, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
दीवार पर ही करते हैं पेशाब
किशोरी यादव चौक से धुर्वा जानेवाली सिटी बसें व ऑटो खुलते हैं. इसके अलावा कांके जानेवाले ऑटो भी यहीं से खुलते हैं. चौक से महज 8-10 मीटर की ही दूरी पर राजभवन की चहारदीवारी है. सिटी बस व ऑटो पकड़नेवाले लोग बिना किसी संकोच के राजभवन की दीवार पर पेशाब करते हैं. बता दें कि यहां नगर निगम द्वारा एक मूत्रलय भी बनाया गया है, जिसकी हालत काफी खराब है.
कचरा डंपिंग यार्ड बनाया एटूजेड ने
राजभवन से मात्र 20 मीटर की दूरी पर एटूजेड का वाहन पड़ाव है. पहले यहां कंपनी के वाहन खड़े होते थे, परंतु जगह खाली रहने के कारण अब कंपनी ने यहां अपना डंपिंग यार्ड बना दिया है. शहर में चल रहे ऑटो व ट्रैक्टर कूड़ा उठाने के बाद यहीं लाकर डंप करते हैं.
यहीं से कचरे को कंपैक्टर में लाद कर ङिारी ले जाया जाता है. कचरा डंपिंग यार्ड बनाये जाने से पास की मुख्य सड़क पर गुजरने के दौरान लोगों को तेज दरुगध के कारण नाक पर रूमाल रखना पड़ता है.
मुख्य सड़क के किनारे खड़े करते हैं वाहन
राजभवन के गेट नंबर दो के सामने सड़क की दूसरी तरफ सब्जी मंडी लगती है. खरीदारी करने के लिए पहुंचनेवाले लोग राजभवन की चहारदीवारी के सामने अपने वाहनों की पार्किग कर देते हैं. वाहनों को नियमविरुद्ध और बेतरतीब ढंग से पार्क करने के कारण जाकिर हुसैन पार्क से लेकर किशोरी यादव चौक तक जाम सी स्थिति बनी रहती है. इस कारण वाहन यहां रेंगते हुए चलते हैं. जाकिर हुसैन पार्क के पास से ही बरियातू, बूटी मोड़, ओरमांझी, रामगढ़ आदि जगहों के लिए टेंपो, ट्रेकर आदि भी रवाना होते हैं.