रांची: ऐसे समय, जब सोशल सेक्टर बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक में जॉब के अवसर मुहैया करा रहा है, जमशेदपुर के किसी एसटी छात्र ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पिछले कई साल से दाखिले के लिए आवेदन तक नहीं किया.
महज 45 फीसदी अंक के साथ अगर कोई एसटी स्टूडेंट डीयू की प्रवेश परीक्षा में बैठ भी जाये, तो उसे दाखिला मिलना तय है.
दो चरणों की प्रवेश परीक्षा में लिखित परीक्षा और मौखिक साक्षात्कार होता है, दोनों में एसटी छात्रों के लिए रियायत है. चूंकि विश्वविद्यालय का कोटा भरता ही नहीं, तो इसमें दाखिला मिलना ही है. एनआरएचएम, मनरेगा, सीएसआर में ऐसे पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.