रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को आरक्षित मेडिकल सीटों पर नामांकन के संबंध में दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने कहा गया.
मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों में 76 सीट अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित हैं, लेकिन इन सीटों पर इस बार भी सिर्फ 16 विद्यार्थियों का ही नामांकन हो सका है. अब भी 60 सीटें खाली हैं. कई योग्य छात्र नामांकन के पात्र हैं, लेकिन उन्हें नामांकन से इसलिए वंचित रखा जा रहा है, क्योंकि उन्हें 40 फीसदी अंक नहीं मिले हैं.
एमसीआइ के नियमों के तहत नामांकन प्रतिशत के आधार पर नहीं, बल्कि परसेंटाइल के आधार पर होना चाहिए. प्रार्थी ने खंडपीठ को यह भी बताया कि 15 फरवरी 2012 को एमसीआइ के नियमों में संशोधन कर अनुसूचित जनजाति के लिये सीटें आरक्षित की गयी थीं, जिसमें यह प्रावधान भी रखा गया था कि यदि निर्धारित परसेंटाइल छात्र नहीं ला पाते हैं, तो सरकार एमसीआइ से निर्देश लेकर खाली सीटों पर नामांकन लेने संबंधी निर्णय ले सकती है. आरक्षित कोटे से नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर है.