रांची: मरीज के परिजनों और पत्रकारों के साथ गत 25 अगस्त को रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की थी. घटना के एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी अब तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है. इस मामले में 24 व 26 अगस्त को एक महिला सहित दो पत्रकारों और मरीज के परिजनों ने बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
मामले में करीब 17 जूनियर डॉक्टरों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. मामले में डॉ धनंजय कुमार, डॉ श्याम शरण बासकी, डॉ रवि मुमरू,डॉ विजय कुमार,डॉ सचिन, डॉ दीपक, डॉ संदीप अग्रवाल, डॉ गणोश, डॉ राजीव राम, डॉ सरोज कुमार, डॉ मनीष व अज्ञात जूनियर डॉक्टरों व रिम्स के सुरक्षा गार्ड को नामजद बनाया गया था. प्राथमिकी पत्रकार दीपक व छंदोश्री ठाकुर समेत मरीज के परिजनों की ओर से बरियातू जोड़ा तालाब के समीप स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी सूरज सिंह व राजेंद्र कुमार सिंह दर्ज करायी थी. घटना के बाद पुलिस ने हॉस्टल में छापेमारी भी की थी, लेकिन सभी आरोपी फरार थे. सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने नामजद जूनियर डॉक्टरों की गिरफ्तारी वारंट लेकर उनके पैतृक आवास में भेजने की बात कही थी, लेकिन इस मामले में भी अब तक कुछ भी नहीं हो पाया है.
की जा रही है लीपापोती
रिम्स ने पत्रकारों के साथ जूनियर डॉक्टरों द्वारा मारपीट मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. कमेटी में डीन डॉ एसएन चौधरी सहित तीन सीनियर डॉक्टर थे. कमेटी को शीघ्र रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. रिम्स सूत्रों की मानें, तो रिम्स प्रबंधन पूरे मामले का लीपापोती में लग गयी है.
जिन 17 जूनियर डॉक्टरों के नाम आये हैं, उन्हें सत्यापित कर उनके खिलाफ वारंट निर्गत कराया जायेगा. पुलिस पूरी जांच के बाद ही वारंट निर्गत करने का आवेदन देगी, ताकि किसी गलत व्यक्ति का नाम नहीं आ जाये. 15 सितंबर के बाद कार्रवाई शुरू होगी.
सत्यवीर सिंह, डीएसपी सदर