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पांच करोड़ देने से मुकरा संकट मोचन राइस मिल

जिला आपूर्ति व सहकारिता पदाधिकारी भी जिम्मेवार वरीय संवाददाता, रांचीहजारीबाग स्थित संकट मोचन राइस मिल राज्य सरकार को पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकर गया है. उस पर 13.32 करोड़ रुपये की देनदारी है. प्रभात खबर में बकायेदार मिलों की सूची छपने के बाद संकट मोचन राइस मिल के संचालक ने खुद सरकार […]

जिला आपूर्ति व सहकारिता पदाधिकारी भी जिम्मेवार वरीय संवाददाता, रांचीहजारीबाग स्थित संकट मोचन राइस मिल राज्य सरकार को पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकर गया है. उस पर 13.32 करोड़ रुपये की देनदारी है. प्रभात खबर में बकायेदार मिलों की सूची छपने के बाद संकट मोचन राइस मिल के संचालक ने खुद सरकार से संपर्क कर पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था. उधर, अन्य बकायेदार मिल मालिकों ने भी भुगतान नहीं किया है. कुल 31 मिलों पर एक से 10 करोड़ तक का बकाया है. गौरतलब है कि चावल मिल मालिकों से कुल बकाया 160.60 करोड़ के विरुद्ध सिर्फ 8.76 करोड़ रुपये की ही वसूली हुई है. चावल का करोड़ों रुपये रखे कई मिल मालिकों ने तो पहली किस्त के रूप में एक रुपया भी सरकार को नहीं दिया है. इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में छपने के बाद खाद्य आपूर्ति सचिव प्रदीप कुमार ने 28 अगस्त को उपायुक्तों को चिट्ठी भेज कर चावल मिल मालिकों से बकाया वसूलने का आदेश दिया है, लेकिन अभी कहीं से वसूली की खबर नहीं है. ज्यादा बकाया वाले जिले रांची, हजारीबाग व देवघर के उपायुक्तों से कहा गया है कि वे वैसे चावल मिल मालिकों से यथाशीघ्र पहली किस्त की वसूली करें. चिट्ठी में छह बड़े बकायेदार चावल मिलों की सूची दी गयी है. यदि मिल मालिक पैसे देने में आनाकानी करते हैं, तो मिल में दंडाधिकारी तैनात कर स्टॉक चेक किया जाये. यदि वहां धान या चावल का पर्याप्त स्टॉक नहीं मिले, तो उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाये. मिलों के अलावा सरकारी लैंप्स-पैक्स प्रबंधक भी सरकार का 16 करोड़ रु रखे हुए हैं संबंधित जिला आपूर्ति व सहकारिता पदाधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है. इनसे भी वसूली का आदेश सरकार ने दिया, पर कुछ नहीं हुआ.

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