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देर से बारिश के बावजूद रोपनी, श्रीविधि करेगी भरपाई

(तसवीर ट्रैक पर है)केजीवीके की पहल से 1500 एकड़ जमीन पर लगा श्रीविधि से धानअमरनाथ ठाकुर रांचीदेर से आयी बारिश के बावजूद रांची व आसपास के जिलों के किसान धान की रोपनी करने में सफल रहे. जुलाई के अंतिम सप्ताह व अगस्त के पहले पखवाड़े में हुई बारिश का लाभ उठाते हुए किसानों ने बड़े […]

(तसवीर ट्रैक पर है)केजीवीके की पहल से 1500 एकड़ जमीन पर लगा श्रीविधि से धानअमरनाथ ठाकुर रांचीदेर से आयी बारिश के बावजूद रांची व आसपास के जिलों के किसान धान की रोपनी करने में सफल रहे. जुलाई के अंतिम सप्ताह व अगस्त के पहले पखवाड़े में हुई बारिश का लाभ उठाते हुए किसानों ने बड़े पैमाने पर धान की रोपनी की़ केजीवीके की ओर से विगत कई वर्षों से श्रीविधि के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास से किसानों को लाभ पहुंचा है. कई किसान ऐसे भी मिले, जो महज 10 से 20 डिसमिल जमीन में श्रीविधि से धान की खेती करते थे. अब उन्होंने इस तकनीक की सफलता को देखते हुए दो से तीन एकड़ खेतों में श्रीविधि तकनीक से धान की रोपनी की है़. केजीवीके झारखंड के विभिन्न जिलों (रांची, रामगढ़, सरायकेला खरसावां) के नौ प्रखंडों में धान की श्रीविधि तकनीक को पिछले पांच साल से बढ़ावा दे रहा है. केजीवीके की पहल पर अब तक नौ प्रखंडों के लगभग दस हजार किसान 1500 एकड़ में श्रीविधि तकनीक से धान लगा चुके हैं़ सरायकेला खरसावां के राजनगर व गम्हरिया में 2200, रांची जिले के बुंडू में 680, नामकुम में 1260, अनगड़ा में 1800, ओरमांझी में 1670, बुढमू में 700, मांडर में 100 व रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड में 1620 से अधिक किसानों ने श्रीविधि तकनीक से धान की खेती की़बॉक्स के लिएओरमांझी के कुच्चू की किसान लक्ष्मी महतो ने कहा कि दो साल पहले 50 डिसमिल खेत में पहली बार श्री विधि से खेती की थी़ अच्छी पैदावार देख उन्होंने पिछले साल से श्रीविधि के लिए अधिक क्षेत्रफल में खेती शुरू की. इस वर्ष 3़5 एकड़ में श्रीविधि तकनीक से धान की ललाट किस्म की खेती की है़ गत वर्ष धान की पैदावार 34 क्विंटल प्रति एकड़ हुई थी. अब इस साल 40 क्विंटल प्रति एकड़ की संभावना है. बाक्स 2महिला किसान पार्वती देवी ने कहा कि केजीवीके श्री विधि से धान की खेती में प्रयुक्त होनेवाले उपकरण कृषि उषा वीडर भी प्रदान करता है़ इस उपकरण को महिलाएं भी आसानी से चला लेती हैं, जिससे इस तकनीक को काफी बढ़ावा मिला है.

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