रांची: राज्य भर के सदर अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले गये हैं, जहां मरीजों को सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. ये दवाएं ब्रांडेड दवाओं से 10 गुनी तक सस्ती हैं. इधर, कई अस्पतालों में दवा की कमी है या फिर चिकित्सक जेनेरिक दवा लिख ही नहीं रहे हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह सब देखना व सुनिश्चित करना सिविल सजर्न की जिम्मेवारी है.
झारखंड में जन औषधि (जेनेरिक दवा) की आपूर्ति का काम सुपर स्टॉकिस्ट यूनिक फार्मा को मिला है. यूनिक फार्मा के एके तिवारी का कहना है कि उन्हें दवाओं का पेमेंट समय पर नहीं मिल रहा है.
सदर अस्पतालों में स्थित जन औषधि केंद्रों से एक बार में 10-12 हजार रुपये की दवाओं का ऑर्डर मिलता है. सस्ती होने के कारण जेनेरिक दवाओं में कमीशन कम है. ऐसे में समय पर पेमेंट नहीं होने से वह अगली खेप की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं.