फोटो—सुनील लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसंस्कृत भाषा देव भाषा है. हमारे शास्त्र भी संस्कृत में हैं, लेकिन भाषा का ज्ञान नहीं होने के कारण लोगों को शास्त्र पढ़ने में परेशानी होती है. बच्चों को संस्कृत से दूर किया जा रहा है. इस भाषा को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. ये बातें रविवार को रांची संस्कृत सेवा संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन के स्वामी शशांकानंद ने कहीं. उन्होंने बताया कि प्राइमरी स्कूल में संस्कृत भाषा का अनिवार्य करने की जरूरत है. स्कूलों में संस्कृत भाषा की प्रतियोगिता होनी चाहिए, जिससे बच्चों में संस्कृत के प्रति लगाव होगा. रांची दूरदर्शन के उपनिदेशक डॉ शैलेश पंडित ने संस्कृत भाषा के महत्व की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषा की जननी है. सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ हरिहर प्रसाद पांडेय ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों में लगाव लाने की जरूरत है, इसके लिए स्कूल स्तर से प्रयास करने की जरूरत है. डॉ रामाशीष पांडेय द्वारा रचित ग्रंथ यास्ककालीन पर्यावरणम का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत अकादमी एवं संस्कृत सम्मेलन 2015 में कराने का प्रस्ताव रखा गया. डॉ शैलेश कुमार मिश्रा, पंडित रामनग्रह शर्मा, डॉ रामनारायण पंडित एवं डॉ रामाशीष पांडेय ने काव्य पाठ किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेश्वर झा और संचालन डॉ शैलेश कुमार मिश्र ने किया.
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स्कूल में अनिवार्य हो संस्कृत भाषा: स्वामी शशांकानंद
फोटो—सुनील लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसंस्कृत भाषा देव भाषा है. हमारे शास्त्र भी संस्कृत में हैं, लेकिन भाषा का ज्ञान नहीं होने के कारण लोगों को शास्त्र पढ़ने में परेशानी होती है. बच्चों को संस्कृत से दूर किया जा रहा है. इस भाषा को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. ये बातें रविवार को रांची संस्कृत सेवा […]
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