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विधानसभा सत्र : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताये इरादे, नौकरशाही का राजनीतिकरण गलत, परखे जायेंगे नौकरशाह

वाणिज्यकर व खान विभाग में भ्रष्टाचार, 15000 करोड़ जुटायेंगे नयी सरकार के पहले विधानसभा सत्र के तीसरे और अंतिम दिन बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब दिया. उनके संबोधन में दो मुख्य मुद्दे रहे, पहला-नौकरशाही का राजनीतिकरण और दूसरा-सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार. मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरशाहों को पांच […]

वाणिज्यकर व खान विभाग में भ्रष्टाचार, 15000 करोड़ जुटायेंगे

नयी सरकार के पहले विधानसभा सत्र के तीसरे और अंतिम दिन बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब दिया. उनके संबोधन में दो मुख्य मुद्दे रहे, पहला-नौकरशाही का राजनीतिकरण और दूसरा-सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार. मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरशाहों को पांच मानकों पर परखा जायेगा. वहीं, वाणिज्यकर और खान विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात कही.
रांची : सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हाल के वर्षों में नौकरशाही का राजनीतिकरण हुआ है. सरकारी अफसरों का सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता की तरह कार्य करना एक खतरनाक प्रवृत्ति है.
हमारी सरकार इस चुनौती से अवगत है. उन्होंने नौकरशाहों को पांच मानकों पर परखने की बात कही. इनमें जनता के प्रति जिम्मेदार होना, जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाना, नियम-कानून के दायरे में काम करना, समय का पाबंद होना और वंचितों के प्रति संवेदनशील होना शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और सरकार के लिए काम कर रहे कर्मियों के भयादोहन की इजाजत भी किसी को नहीं होगी.
अखबारों व चैनलों पर दिखनेवाला विकास नहीं होगा : मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ‘संरचना निर्माण आधारित विकास’ नहीं, बल्कि ‘व्यक्ति निर्माण आधारित विकास’ के मॉडल पर काम करेगी. संरचना निर्माण आधारित विकास का लाभ गरीबों की झोपड़ियों तक नहीं पहुंचा. सरकार की विकास की धारा जरूरतमंदों, गरीबों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के दिल और दिमाग दोनों को सींचेगी. यह विकास बिना सरकारी विज्ञापन के भी दिखेगा. अखबारों और टीवी चैनलों पर दिखनेवाला नहीं, बल्कि गरीबों के चूल्हे व चेहरों पर चमकनेवाला विकास होगा.
मैं शोषण, संघर्ष व शहादत के प्रतीक के रूप में खड़ा हूं : श्री सोरेन ने कहा कि जनता ने मेरी बातों पर भरोसा किया. आज स्पष्ट बहुमत के साथ गठबंधन को सरकार बनाने का अवसर मिला है. मैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि शोषण के विरुद्ध संघर्ष व शहादत के प्रतीक के रूप में खड़ा हूं.
मैं पूरे आत्मबल के साथ सकारात्मक आलोचनाओं को स्वीकार करने व खुद में सुधार की इच्छाशक्ति के साथ सदन में खड़ा हूं.
पहले दिन से सरकार ने वायदे पर काम करना शुरू किया : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले दिन से ही अपने वादे के अनुरूप काम करना शुरू कर दिया है.
अनुपूरक बजट में सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पारा शिक्षकों, वृद्धावस्था पेंशन, मदरसा शिक्षकों, छात्रवृत्ति, जनजातीय पेंशन योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, आयोडीनयुक्त नमक व युवाओं के कौशल विकास के लिए धन की व्यवस्था ठेकेदारीवाले विभाग से धन काट कर किया है.
जश्न का दिन, उन्माद का नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि आज झारखंडियों के लिए जश्न का दिन है, लेकिन उन्माद का नहीं. झारखंडियों को यह ध्यान रखना होगा कि हमारी खुशियां किसी के लिए खतरा नहीं बनें. असुरक्षा का कारण न बनें. हमारा जश्न किसी का जख्म न बने. तभी हम झारखंड के शहीदों व पूर्वजों के बलिदान की भावनाओं के अनुरूप काम कर पायेंगे.
एसआइटी की रिपोर्ट पर ही कार्रवाई करेंगे हेमंत : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन के अंदर कहा कि सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मामले में गठित एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई करेगी. पूर्व की सरकार ने एसआइटी तो बनवाया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. हमारी सरकार इसे गंभीरता से लेगी.
विधानसभा सत्र का तीसरा दिन
पहले सुननेवाली सरकार नहीं थी, जन भावनाओं को रौंदा, इस बार जनता ने सुननेवाली सरकार चुनी
नेता-अफसर की तिजोरी भरनेवाला विकास नहीं, राज्य के खजाने पर सबसे पहला हक गरीबों का
नौकरशाहों को परखने के लिए यह हैं पांच मानक
जनता के प्रति जिम्मेदारी
जनप्रतिनिधियों से समन्वय
नियम कानून के दायरे में काम
काम के लिए समय की पाबंदी
वंचितों के प्रति संवेदनशीलता
विभागों में पारदर्शिता लाकर बचायेंगे सरकार के अरबों रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्यकर और खान विभाग के भ्रष्टाचार पर सरकार लगाम लगाकर 15 हजार करोड़ रुपये जुटायेगी. अन्य विभागों में पारदर्शिता लाकर भी अरबों रुपये बचाये जा सकते हैं. इस दिशा में त्वरित कार्रवाई को लेकर मुख्य सचिव और एडवोकेट जेनरल को निर्देश दिया गया है. राज्य के खजाने पर पहला अधिकार गरीबों का होगा. उन्होंने कहा कि पहले सुननेवाली सरकार नहीं थी. उसने जन भावनाओं को रौंदा. अब जनता ने सुननेवाली सरकार चुनी है. हम सबकी सुनेंगे, पक्ष का भी और विपक्ष का भी. नेता अफसर की तिजोरी भरनेवाला विकास समाप्त होगा.
मॉब लिंचिंग पर पक्ष-विपक्ष में तनातनी, की नारेबाजी
रांची : मॉब लिंचिंग का मुद्दा विधानसभा सत्र के आखिरी दिन छाया रहा. इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में तनातनी हुई. सत्ता पक्ष के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि तबरेज-मिन्हाज की हत्या में आरएसएस और भाजपा के लोगों का हाथ था. इस पर विपक्षी दलों के विधायक नाराज हो गये. वे वेल में घुस कर इरफान अंसारी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने इरफान अंसारी के आपत्तिजनक बातों को कार्यवाही से बाहर करने का निर्देश दिया.
विपक्ष ने इरफान से दिये गये बयान पर माफी मांगने को कहा. इसके बाद स्पीकर श्री महतो ने इरफान अंसारी को माफी मांगने की बात उनके विवेक पर छोड़ दी. इरफान कई बार उठे भी, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी. इसके बाद विपक्ष के विधायक सीपी सिंह से उनकी तल्ख बहस भी हुई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हो-हल्ला के बीच ही अपना भाषण पढ़ना पड़ा.
जेएनयू और जामिया की घटना पर जतायी चिंता
रांची : झारखंड विधानसभा ने जेएनयू और जामिया-मिलिया में छात्रों पर हुए हमले पर चिंता जतायी है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सदन ने इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया था. इसका भाजपा विधायकों ने विरोध किया. भाजपा विधायक इस सरकारी संकल्प के विरोध में वेल में आ गये और हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया.
विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि पाकिस्तान के नानकशाही पर हमला, सीएए का मामला भी गैर सरकारी संकल्प में लाया जाना चाहिए. इधर, विधानसभा ने लोकसभा एवं राज्य विधानसभा में नाम निर्देशन (मनोनयन) के आधार पर एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व देने का विरोध किया है. सदन ने ध्वनिमत से इस प्रस्ताव का विरोध किया. इस पर राज सिन्हा ने जानना चाहा कि क्या विधानसभा को लोकसभा और राज्य सभा से पारित कानून पर संशोधन का अधिकार है.
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सदन अपनी भावना से केंद्र को अवगत कराना चाहता है. इस कारण यह प्रस्ताव लाया गया. सदन ने अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए लोकसभा एवं राज्य के विधानसभाओं में स्थानों के आरक्षण संबंधी प्रावधान में प्रस्तावित संशोधन का समर्थन कर दिया है.

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