सीइओ कार्यालय में सहायक व्यय प्रेक्षकों के प्रशिक्षण में दी गयी अहम जानकारियां
रांची : मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय में बुधवार को सहायक व्यय पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें जानकारी दी गयी कि एक प्रत्याशी अधिकतम 28 लाख रुपये विधानसभा चुनाव के दौरान खर्च सकते हैं.
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानंद झा ने कहा कि चुनाव खर्च के अनुश्रवण के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने कई प्रावधान किये हैं. इन प्रावधानों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाना है. चुनाव प्रचार अवधि के दौरान अभ्यर्थियों के वैधानिक खर्च का संधारण भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार किया जाना है.
यह स्वतंत्र, स्वच्छ, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान के लिए आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रायः जानकारी के अभाव में चुनाव व्यय से संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन होता है, अतः सहायक व्यय प्रेक्षकों का दायित्व है कि वे राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के साथ लगातार बैठक करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान खर्च को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तय किये गये प्रावधानों की जानकारी दें.
सहायक व्यय प्रेक्षक होंगे मास्टर ट्रेनर
संयुक्त सचिव हीरालाल मंडल ने कहा कि सभी सहायक व्यय प्रेक्षक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव व्यय अनुश्रवण के लिए बनायी गयी टीम के सदस्यों को प्रशिक्षित करेंगे. अवर सचिव देवदास गुप्ता ने वैधानिक और अवैधानिक खर्च से कराया गया.
40 स्टार प्रचारक रख सकेंगे
मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल 40 और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 20 स्टार प्रचारक रखने की अनुमति है. उनके द्वारा लिस्ट चुनाव की घोषणा के सात दिनों के अंदर स्टार प्रचारकों की सूची आयोग उपलब्ध करा दी जानी होगी. अभ्यर्थियों को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देनी होगी. आपराधिक मामलों की जानकारी चुनाव प्रचार अवधि के दौरान तीन बार समाचार पत्रों में प्रकाशन और इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों में भी तीन बार प्रसारित करना अनिवार्य है.
नकद खर्च की अधिकतम सीमा है 10 हजार रुपये
श्री दत्ता ने बताया कि कोई भी अभ्यर्थी अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नकद में 10 हजार रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं. इससे अधिक होने वाले खर्च को बैंक चेक के माध्यम से भुगतान किया जाना हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी अभ्यर्थी पूरे निर्वाचन प्रचार अभियान के दौरान किसी को दस हजार से ज्यादा नकद भुगतान नहीं कर सकते हैं.
लाइसेंसी हथियार 25 से जमा होंगे
विधानसभा चुनाव को लेकर रांची जिले के सभी लाइसेंसी हथियार 25 अक्तूबर से जमा किये जायेंगे. हथियार जमा करने को लेकर डीसी राय महिमापत रे ने निर्देश जारी किया है.
पांच नवंबर तक सभी लाइसेंसधारियों को हथियार जमा करने का निर्देश दिया गया है. हथियार संबंधित थानों और हथियार दुकानों में जमा करने होंगे. सभी थानों और ओपी प्रभारियों को हथियार जमा करने का दायित्व दिया गया है, जो व्यक्ति इस आदेश की अवहेलना करेंगे उन खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान रांची में 3312 लाइसेंसी हथियार थे, लेकिन अब 3260 हथियार लाइसेंसी हैं. 52 हथियारों का लाइसेंस प्रशासन ने विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया है. डीसी ने निर्देश में कहा है कि अगर किसी संस्था या व्यक्ति को सुरक्षा कारणों से हथियार रखना है तो इसके लिए उन्हें आवेदन देना होगा. डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी आवेदन पर विचार करेगी.
झारखंड पुलिस ने मांगे छह हेलीकॉप्टर
विधानसभा चुनाव के लिए झारखंड पुलिस ने चुनाव आयोग से छह हेलीकॉप्टर की मांग की है. बुधवार को आयोग के अधिकारी विनय चौबे के समक्ष डीजीपी केएन चौबे और नोडल अधिकारी एमएल मीणा ने उक्त प्रस्ताव रखा. समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने आयोग को बताया कि तीन चरणों में चुनाव होने पर केंद्रीय बलों की 400 कंपनी, चार चरण में चुनाव होने पर 300 कंपनी और पांच चरणों में चुनाव होने पर के 200 कंपनी फोर्स की मांग की है.
सीआे ने इस मामले में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात करेेंगे. चुनाव में शांतिपूर्ण मतदान और फोर्स की तैनाती को लेकर की गयी झारखंड पुलिस की तैयारी पर भी झारखंड पुलिस की ओर से आयोग को रिपोर्ट दिया गया. फोर्स को लाने और ले जाने के लिए वाहनों की कितनी जरूरत पड़ेगी, इस पर भी समीक्षा के दौरान चर्चा हुई. संवेदनशील बूथों पर सुरक्षित मतदान पर चर्चा की गयी.
रांची : स्वच्छ और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए पीठासीन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया संत जॉन्स स्कूल के 22 कमरों में आइटीआइ के 44 प्राध्यापकों ने मास्टर ट्रेनर के रूप में 3061 प्रेजाइडिंग ऑफिसर्स को इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन), वीवीपैट (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के इस्तेमाल के बारे में बताया़ इसके तहत उन्हें कंट्रोल यूनिट, मतदान यूनिट व वीवीपैट के बारे में जानकारी दी गयी़ यह बताया गया कि मतदान प्रारंभ होने से एक घंटा पहले मतदान मशीन की तैयारी शुरू करे़ं इस क्रम में उन्हें कंट्रोल यूनिट, मतदान यूनिट व वीवीपैट को आपस में जोड़ना है़
मतदान से पूर्व मॉक पोल भी करना है़ कम से कम 50 मॉक पोल होने चाहिए़ वीवीपैट में गिरी पर्चियों को गिन कर पुष्टि करना है कि परिणाम कंट्रोल यूनिट के परिणाम से मेल खा रहे है़ं उन्हें मॉक पोल का सर्टिफिकेट तैयार करना है और मतदान पूर्व का घोषणा पत्र भी भरना है़ जब मतदान शुरू हो, तो वे इस बात का ध्यान रखें कि मतदाता बिना मतदान किये वापस न जाये़ जो मतदाता पहले से कतार में हैं, वह मतदान समाप्ति के समय के बाद भी मतदान कर सकते है़ं