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रांची : फर्जी चिटफंड कंपनियों पर अंकुश लगायें
मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय समन्वय समिति को दिया निर्देश रांची : राज्य में चिटफंड कंपनियों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के साथ ही जनता को जागरूक करने की जरूरत है. इस काम के लिए विधिक सेवा प्राधिकार की मदद ली जानी चाहिए. वित्तीय जालसाजी पर काबू पाने के लिए कम समय में पैसा […]
मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय समन्वय समिति को दिया निर्देश
रांची : राज्य में चिटफंड कंपनियों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के साथ ही जनता को जागरूक करने की जरूरत है. इस काम के लिए विधिक सेवा प्राधिकार की मदद ली जानी चाहिए. वित्तीय जालसाजी पर काबू पाने के लिए कम समय में पैसा दोगुना करने जैसे लुभावने विज्ञापनों पर भी नजर रखना चाहिए. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने वित्तीय जालसाजी की रोकथाम के लिए प्रोजेक्ट भवन में आयोजित राज्य स्तरीय समन्वय समिति को संबोधित करते हुए यह बात कही.
उन्होंने कहा कि लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत होनेवाली कंपनियों पर काबू पाने के लिए जांच एजेंसियों और रिजर्व बैंक के अधिकारियों को मिल कर एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर) बनाने कि निर्देश दिया. एसओपी की मदद से जालसाजी की सूचना प्राप्त होने के साथ उस पर ससमय कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा सकेगी. उन्होंने वित्तीय जालसाजी के मामलों की जांच पड़ताल के लिए हर जिले में डीएसपी स्तर के एक अधिकारी को नोडल ऑफिसर बनाना का सुझाव दिया. रिजर्व बैंक के अधिकारियों को जांच में सहयोग के लिए विशेष सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
बैठक में झालसा के अधिकारियों ने प्रचार प्रसार में मदद करने का आश्वासन दिया. रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने बताया कि एक वर्ष में जन जागरूकता से संबंधित 75 कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं. स्कूल-कॉलेजों में 72 हजार पोस्टर बांटे जा चुके हैं. सेबी के प्रतिनिधि ने 600 जागरूकता कार्यक्रम का आयोजित किये जाने की जानकारी दी. बैठक में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त के के खंडेलवाल, एडीजी अभियान मुरारीलाल मीणा समेत रिजर्व बैंक, सेबी, इनकम टैक्स के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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