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रांची : जल शक्ति अभियान को लेकर सचिव ने दिया निर्देश, कहा- जितने भी हैंडपंप हैं वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये जायें

सात जुलाई को मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री गांवों में जाकर श्रमदान करेंगे रांची : ग्रामीण विकास विभाग ने जल शक्ति अभियान को लेकर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की. अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने की. अभियान को लेकर बनाये गये नोडल पदाधिकारियों से कहा कि युद्ध स्तर पर जल संचयन को लेकर काम […]

सात जुलाई को मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री गांवों में जाकर श्रमदान करेंगे
रांची : ग्रामीण विकास विभाग ने जल शक्ति अभियान को लेकर स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की. अध्यक्षता विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने की. अभियान को लेकर बनाये गये नोडल पदाधिकारियों से कहा कि युद्ध स्तर पर जल संचयन को लेकर काम करने की तैयारी है.
अभियान का फोकस पानी के दबाव वाले जिलों व प्रखंडों पर होगा. श्री कुमार ने कहा कि राज्य में जितने भी हैंड पंप हैं, उसके पास वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये जायें. पंचायत स्तर पर जल सहिया सभी टोलों में पौधरोपण करेंगी और लोगों को जल संचयन के लिए प्रोत्साहित भी करेंगी. मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि ऊंचे भवनों में जल संरक्षण की व्यवस्था भवन निर्माण विभाग सुनिश्चित करेगा. सरकारी कार्यालयों एवं आवासों में रिचार्ज की व्यवस्था की जायेगी.
अभियान को जन अभियान बनायें. अभियान हर टोलों तक पहुंचे. बैठक में बैजनाथ राम, चंद्र प्रकाश सिन्हा, नवीन किशोर सुवर्णो के साथ ही भवन निर्माण, कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग, पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
ये निर्देश दिये गये : स्कूलों में पौधरोपण व वाटर हार्वेस्टिंग का हो काम, बंद डीप बोरिंग को रिचार्ज प्वाइंट बनाया जायेगा, राज्य के सारे खराब बोरिंग को दुरुस्त किया जायेगा, सारे ऊंचे भवनों में जल संरक्षण सुनिश्चित करायेगा प्रशासन, तालाब व अन्य वाटर बॉडी का होगा जीर्णोद्धार
ये कार्य भी किये जायेंगे : जल संरक्षण व वर्षा जल का संग्रहण, तालाब एवं अन्य जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार, बोरवेल रिचार्ज व अन्य संरचनाओं के माध्यम से भू जल भरण तथा वेस्ट वाटर का फिर से उपयोग, जल छाजन का विकास, पौधरोपण के कार्य .
अभियान के दौरान ये करें : अभियान के दौरान प्रत्येक राजस्व ग्राम में लगभग 15 एकड़ ऊपरी टांड़ भूमि का उपचार ट्रेंच सह बेंड तकनीक के माध्यम से मनरेगा से करें, संबंधित उपायुक्त जिले की सभी ग्राम पंचायतों के लिए एक राजपत्रित पदाधिकारी को संबद्ध करेंगे.
वे मुखिया, वार्ड सदस्य, ग्राम संगठन व सखी मंडल सदस्यों के साथ स्थल चयन सहित अन्य कार्य अच्छे से करेंगे, सात जुलाई को सभी मुख्यमंत्री सहित मंत्री, सांसद, विधायक, राज्य के सभी पदाधिकारी गांव में जाकर श्रमदान करेंगे इसकी व्यवस्था डीसी करेंगे, सभी डीसी पंचायत राज संस्थानों के सभी सदस्यों को श्रमदान के लिए आमंत्रित करेंगे.
स्कूलों में बनाया जायेगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग : डीसी
रांची़ : जिले में गिरते भू-जलस्तर को देखते हुए मंगलवार को उपायुक्त राय महिमापत रे ने जल संचयन को लेकर बैठक की. बैठक में सभी बीडीओ, सीओ, सभी विभागों के प्रमुख, सीआरपीएफ, सीपीएफ प्रतिनिधियों सहित अन्य विभागों के प्रमुख उपस्थित थे. बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जल संचयन को लेकर प्रधानमंत्री के आह्वान पर मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में इसे अभियान के रूप में चलाने की घोषणा की है.
इसलिए रांची जिले में जितने भी हैंडपंप हैं, उसके पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाये. इसके अलावा पंचायतों में जल सहिया सभी टोलों में पेड़ लगाये व जल संचयन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करे. उपायुक्त ने इसके अलावा जिले के सभी स्कूलों में पेड़ लगाने व रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र की सभी बहुमंजिली इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया जाये. इसको प्रशासन सुनिश्चित करेगा.
बंद डीप बोरिंग को बनाया जायेगा रिचार्ज प्वाइंट: उपायुक्त ने कहा कि जो डीप बोरिंग काम नहीं कर रहे हैं, उसकी मरम्मती की जायेगी. अगर उसकी मरम्मती नहीं हो पाती, तो उसे रिचार्ज प्वाइंट के तौर पर तब्दील किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जो चापाकल चल रहे हैं, उनके बगल में रिचार्ज फैसिलिटी बनायी जायेगी, ताकि पानी बर्बाद न हो.
जलाशयों के बगल से अतिक्रमण हटाने का आदेश : शहर के ऐसे तालाब जिनके रिचार्ज होने के रास्ते बंद हो गये हैं, उसे खुलवाने का आदेश चारों अंचलाधिकारी को उपायुक्त ने दिया है. उन्होंने कहा कि जलाशयों के अगल-बगल अवैध निर्माण को भी अभियान चलाकर हटाया जाये, ताकि जल स्रोतों में बारिश का पानी सही तरीके से आ सके.
रांची़ : बहुमंजिली इमारतों में विकसित करें वाटर रिसाइकल सिस्टम
रांची़ : शहर में जलसंकट के गंभीर हालात को देखते हुए आर्किटेक्ट राजीव चड्ढा ने राज्य सरकार को व्यापक पैमाने में जल संरक्षण करने के लिए सुझाव दिया है. श्री चड्ढा ने कहा है कि किसी एक के चाहने से वाटर लेबल को ऊंचा नहीं लाया जा सकता है.
राज्य सरकार के साथ-साथ जल संरक्षण के इस अभियान में आमलोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. सरकार को दिये सुझाव में श्री चड्ढा ने कहा है कि हमें बहुमंजिली इमारतों में वाटर रिसाइकल सिस्टम को डेवलप करना होगा. इसके लिए राज्य सरकार वाटर रिसाइकल के क्षेत्र में काम करनेवाली क्वालिकोम, स्पेकोन व इओन एक्सचेंज जैसे कंपनियों की मदद पीपीपी मोड पर ले सकती है.
श्री चड्ढा ने कहा कि नेशनल बिल्डिंग कोड के मुताबिक एक व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी की खपत करता है. इस पानी में से एक तिहाई पानी को आम आदमी फ्लशिंग में खर्च करता है. अगर हम अपने नहाने व किचेन में उपयोग होनेवाले पानी को रिसाइकल कर इसे संरक्षित कर लें, तो इस पानी का उपयोग हम गार्डेनिंग, कार वॉश व फ्लशिंग के रूप में कर सकते हैं.
तालाबों को करना होगा रिचार्ज : श्री चड्ढा ने जल संरक्षण के लिए शहर के तालाबों को बचाने के साथ उनको रिचार्ज करने का सुझाव दिया. कहा है कि तालाबों में बारिश का पानी निर्बाध रूप से आने की व्यवस्था बनानी हाेगी.
इसके लिए श्री चड्ढा ने बारिश के दिनों में नाली से आनेवाले पानी को हमें एसटीपी में एकत्र करने, फिर अंडरग्राउंड नाली के माध्यम से हम इस पानी को तालाब में गिराने की सलाह दी है. कहा है कि इस प्रकार से तालाब साल भर पानी से लबालब रहेंगे. जब तालाब में पानी रहेगा, तो इसके आसपास के क्षेत्र में जलस्तर बना हुआ रहेगा. इससे गर्मी के दिनों में बोरिंग सूखने जैसी शिकायतें नहीं होंगी.

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