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चारा घोटाला : त्रिपुरारी मोहन प्रसाद सहित उसके दो भाई का बयान दर्ज

रांची़ : डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी (चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96) मामले में मंगलवार को अदालत में तीन आरोपियों के बयान दर्ज किये गये. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में मंगलवार को त्रिपुरारी मोहन प्रसाद (प्रोपराइटर मेसर्स बिहार सर्जिको मेडिको एजेंसी पटना सह पार्टनर मेसर्स […]

रांची़ : डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी (चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96) मामले में मंगलवार को अदालत में तीन आरोपियों के बयान दर्ज किये गये. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में मंगलवार को त्रिपुरारी मोहन प्रसाद (प्रोपराइटर मेसर्स बिहार सर्जिको मेडिको एजेंसी पटना सह पार्टनर मेसर्स मानस सेल्स कॉरपोरेशन पटना) अौर उसके दो भाई अनिल कुमार सिन्हा व सुशील कुमार सिन्हा के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज हुए.

बयान दर्ज कराने के दौरान त्रिपुरारी मोहन प्रसाद से पूछा गया कि आपने 1990-91 अौर 1995-96 की अवधि के दौरान बिना खाद्यान्न सप्लाई किये फर्जी बिल के आधार पर तीन करोड़ 61 लाख रुपये का भुगतान लिया. अदालत में यह भी पूछा गया कि बिना दवा आपूर्ति के 15 लाख 13 हजार एवं एक करोड़ 69 लाख 68 हजार की निकासी फर्जी बिल के आधार पर की गयी.
आरोपी से एक प्रश्न यह भी पूछा गया कि पीली मकई, जो ट्रक से आपूर्ति करने की बात कही गयी है, उसमें आरोपी ने वाहन के जो चालान जमा किये हैं, उनमें ज्यादातर वाहन मोटरसाइकिल, स्कूटर, मोपेड अौर जीप निकले. आरोपी त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने इन प्रश्नों के जवाब में कहा कि मुझे जो भी आपूर्ति आदेश मिला, उसके अनुरूप माल की सप्लाई की.
नक्शा विचलन मामले में पिटीशन खारिज
रांची : नक्शा विचलन मामले के आरोपी बिल्डर नरेंद्र बुटाला की डिस्चार्ज पिटीशन एसीबी के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार की अदालत ने खारिज कर दी है. बुटाला की डिस्चार्ज पिटीशन पूर्व में भी खारिज हो चुकी है. यह मामला विजिलेंस थाना कांड संख्या 20/09 से संबंधित है.
मामले के आरोपी बिल्डर नरेंद्र बुटाला के नाम से 21/7/2008 को आरआरडीए से बिल्डिंग प्लान नंबर 1049/05 पास हुआ था. इसमें आरआरडीए के तत्कालीन वाइस चैयरमेन, असिस्टेंट इंजीनियर सहित अन्य पदाधिकारियों की मिलीभगत अौर षडयंत्र से नक्शा स्वीकृत किया गया था. बिल्डिंग के नक्शा में खाली जमीन नहीं छोड़ी गयी.
इसके अलावा बिल्डर ने जो जमीन भवन निर्माण के लिए दर्शाया था, वह भी अवैध थी. नक्शा पास करने के लिए आरोपियों को करोड़ों रुपयों की राशि दी गयी. नरेंद्र बुटाला के नाम पर बिल्डिंग प्लान 1426/05 अौर 1297/06 भी पास किया गया था. जांच के क्रम में पाया गया कि बिल्डिंग प्लान 1426 में जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ था जबकि बिल्डिंग प्लान 1297/06 के मामले में एक टाइटल सूट कोर्ट में लंबित है.
आर्म्स एक्ट मामले में पांच साल की सजा
रांची. एजेसी एसएन मिश्रा की अदालत ने अवैध हथियार के साथ पकड़ाये अभियुक्त मन्नू राम को पांच साल जेल की सजा सुनायी है. अभियुक्त पर 17 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. यह मामला डोरंडा अरगोड़ा थाना कांड संख्या 409/10 दिनांक 22/10/10 से जुड़ा है.
मामले के सूचक अरगोड़ा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी सरजू आनंद ने अदालत में बयान दर्ज कराया था कि 22 अक्तूबर 2010 को उन्हें सूचना मिली थी अरगोड़ा स्टेशन के पास स्थित बगीचा टोली के पास कुछ असामाजिक तत्व अपराध की योजना बना रहे हैं.
सूचना के बाद पुलिस टीम ने छापामारी की. वहां पर मन्नू राम सहित अकबर, मोनू अंसारी, छोटका परवेज, परवेज आलम अौर भोलाराम मौजूद थे. पुलिस को देखते ही सभी भागने लगे. इनमें से मन्नू, अकबर अौर मोनू को पुलिस ने पकड़ा, शेष भागने में सफल रहे. आरोपियों के पास से देसी पिस्तौल, जिंदा कारतूस अौर छुरा बरामद किया गया था.

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