रांची : आपराधिक घटनाएं अपने चरम पर होती हैं और पुलिस-प्रशासन उन पर लगाम लगाने में अक्षम दिखायी देती है, तो इस पर रोक लगाने के लिए के समाज की ओर से ही पहल की जाती है. झारखंड की राजधानी रांची में रोजाना हो रही आपराधिक घटनाओं समेत सोशल मीडिया के जरिये समाज में घृणा और विद्वेष पैदा करने की खातिर साझा किये जाने वाली फेक न्यूज और फेक वीडियो पर नकेल कसने की कवायद शुरू की गयी है. यहां के कारोबारियों ने पुलिस के सहयोग से आपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की सामाजिक पहल पर कारोबारियों ने प्रशासन की मदद करने के लिए पुलिस-व्यवसायी समन्वय समिति का गठन किया है.
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समिति का क्या है उद्देश्य?
झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी के सदस्य, को-ऑर्डिनेशन विद एडमिनिस्ट्रेशन उप समिति के चेयरमैन और झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने बताया कि अभी पुलिस-व्यवसायी समन्वय समिति रांची के करीब 45 थानों के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर प्रायोगिक तौर पर काम करेगी.
उद्देश्य
- व्यवसायियों में व्याप्त पुलिस के भय को दूर करना
- कारोबारी संस्थानों, बाजारों, मंडियों में होने वाली आपराधिक वारदातों की त्वरित सूचना प्रेषित करना
- आपराधिक वारदातों पर त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क स्थापित करना
- व्यवसायियों और समाज के लोगों की समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना
- व्हाट्सएप ग्रुप्स पर समाज में घृणा और नफरत फैलाने के लिए फेक न्यूज और फेक वीडियो पर नकेल कसने का प्रयास करना
- सोशल मीडिया के इस्तेमाल और उसके दुरुपयोग को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना
सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर फेक न्यूज और फेक वीडियो पर ऐसे लगायी जायेगी रोक…
झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की को-ऑर्डिनेशन विद एडमिनिस्ट्रेशन उप समिति के चेयरमैन प्रवीण लोहिया ने बताया कि आज के दौर में मुख्य रूप से फेक न्यूज, फेक वीडियो, व्यक्तिगत मन की भड़ास और पुरानी सूचनाओं को शेयर करने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, जिससे समाज में आपसी कटुता, विद्वेष, घृणा और नफरत का माहौल पैदा होता है.
- फेक न्यूज, फेक वीडियो, व्यक्तिगत मन की भड़ास और पुरानी सूचनाओं को शेयर करने पर रोक लगाने के लिए पुलिस-व्यवसायी समन्वय समिति की ओर से व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये लोगों में जागरूकता फैलायी जायेगी.
- लोगों में घर-समाज में व्याप्त समस्याओं आदि विषयों पर गंभीर चर्चा के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा.
- भीड़ के सामने क्या बोलना है, क्या लिखना है और क्या करना है… आदि का कैसे प्रैक्टिस किया जाये, इसके बारे में समाज के युवाओं को समझाया जायेगा.
- सोशल मीडिया के जरिये अभिव्यक्ति की आजादी के महत्व और उसके सार्थक इस्तेमाल के बारे में लोगों को समझाया जायेगा.
- समाज का सबसे कमजोर और कतार का अंतिम व्यक्ति भी पुलिस-प्रशासन तक अपनी बात कैसे पहुंचा सकता है, इसके बारे में आम अवाम और खासकर युवाओं को समझाया जायेगा.
- लोगों को किसी जाति-धर्म के आधार पर सोशल मीडिया पर चर्चा करने की बजाय किसी सार्थक और गंभीर मसलों पर चर्चा के लिए बताया जायेगा.
- आम अवाम को यह बताया जायेगा कि वह कैसे और कौन-कौन मुद्दों पर सोशल मीडिया पर चर्चा-परिचर्चा कर सकते हैं.
- सबसे अहम यह कि समाज के हर व्यक्ति को उसकी अभिव्यक्ति की आजादी के साथ ही उसकी सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियों के बारे में समझाया जायेगा.
पहल को मुकाम तक कैसे पहुंचायेंगे?
उप समिति के चेयरमैन प्रवीण लोहिया ने बताया कि पुलिस-कारोबारियों की इस पहल को व्यापक मुकाम तक पहुंचाने के लिए रांची के 45 थानों के अधिकारी-कर्मचारियों और करीब 3,500 कारोबारियों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. हर थाने के पुलिकर्मी और उस क्षेत्र के कारोबारियों का अलग-अलग ग्रुप होगा और झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का हर अधिकारी और सदस्य उन ग्रुप्स से जुड़ा होगा. कारोबारियों और पुलिसकर्मियों के आपसी समन्वय से अभियान आम अवाम तक पहुंचाया जायेगा.