रांची: राज्य में मदरसा व मध्यमा की डिग्री, जैक व विश्वविद्यालय के समतुल्य होगी. दोनों की डिग्री की मान्यता को लेकर गठित कमेटी ने इसे स्वीकृति दे दी है.
इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी में जैक अध्यक्ष के अलावा रांची विश्वविद्यालय के उर्दू व संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष को भी शामिल किया गया था. कमेटी ने गत सप्ताह इसे अपनी स्वीकृति दे दी है और प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को सौंप दिया. फिलहाल मदरसा व मध्यमा की डिग्री की मान्यता नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में काफी परेशानी होती है. वे पीएचडी, सीटेट, नेट जैसी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाते हैं.
इन डिग्रियों को मिलेगी मान्यता
कमेटी ने मदरसा के फोकानियां को (10वीं) मैट्रिक, मौलवी को इंटर कला, आलिम को बीए के समतुल्य डिग्री की मान्यता देने की अनुशंसा की है. इसके अलावा मध्यमा (संस्कृत), शास्त्री व उपशास्त्री की डिग्री को भी समतुल्यता दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मदरसा व मध्यमा दोनों की परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ली जाती है.
प्रतियोगिता परीक्षा दे सकेंगे
मदरसा व मध्यमा की डिग्री की मान्यता नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती थी. वे नियुक्ति परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते थे. दूसरे राज्यों में विद्यार्थियों का नामांकन भी नहीं हो पाता है. डिग्री की समतुल्यता के बाद विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा समेत बैंक, रेलवे व केंद्र सरकार की अन्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे.