रांची: अब फॉर्म 15-जी या 15-एच जमा करनेवालों को बैंक की ओर से पावती रसीद (एक्नॉलेजमेंट) दी जायेगी. रिजर्व बैंक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि इससे बैंकों की जवाबदेही तय होगी. ग्राहक भी अनावश्यक परेशानी से बचेंगे.
ग्राहकों की शिकायत रही है कि कई बार फॉर्म 15जी व 15एच के जमा करने के बाद भी उनके खाते से टीडीएस काट लिया गया. ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि शाखा में ये फॉर्म गुम हो गये.
क्या है फार्म 15 जी व 15 एच
बैंकों में फिक्स्ड डिपोजिट पर सालाना 10,000 से ज्यादा ब्याज की राशि पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) काटा जाता है. यदि कोई ग्राहक टैक्स के दायरे में नहीं आता है, तो उसे फॉर्म 15 में यह जानकारी बैंक को देनी होती है. फार्म 15जी वैसे ग्राहकों के लिए है, जो 60 साल से कम हैं. वहीं फॉर्म 15 एच सीनियर सिटीजन को देना होता है.