नगर विकास विभाग ने तैयार की है आवास निर्माण की योजना
रांची : नगर विकास विभाग ने जो योजना तैयार की है, उसके तहत राज्य में शहरों में रहनेवाले गरीबों के लिए कुल 58,010 आवासों का निर्माण कराया जायेगा.
इसमें से स्लम बस्तियों में रह रहे गरीब परिवारों के लिए सरकार 15,517 भवनों का निर्माण कराया जायेगा. जबकि, आर्थिक रूप से कमजोर शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास भी बनाये जायेंगे. विभाग ने कुल 42,493 किफायती आवास निर्माण का फैसला किया है.
योजना के तहत भवन और आवास निर्माण के लिए राज्य सरकार एक-एक लाख रुपये का सहयोग प्रदान करेगी. इसके लिए ‘झारखंड अफोर्डेबल हाउसिंग डेवलपमेंट फंड’ का गठन किया जा रहा है.
वहीं, केंद्र सरकार स्लम में रहनेवाले गरीबों के लिए एक लाख रुपये
और शहरी गरीबों के आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी. शेष राशि का वहन लाभुक को स्वयं ही करना पड़ेगा.
अलग-अलग शहरों में लाभुकों द्वारा आवास निर्माण में खर्च की जानेवाली राशि में अंतर हो सकता है. लाभुकों के सहयोग के लिए सरकार बैंक से ऋण दिलाने में भी सहायता करेगी. इसके लिए मुख्य सचिव ने बैंकों को लोन पॉलिसी लचीला बनाने का निर्देश दिया है.
मिलेगी अपनी छत
‘स्लम पुनर्विकास’ और ‘अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी’ के तहत होगा निर्माण कार्य
एक-एक लाख रुपये का सहयोग करेगी राज्य सरकार, केंद्र भी देगा 1.5 लाख रुपये
लाभुकों के सहयोग के लिए बैंक से ऋण दिलाने में भी सहायता करेगी राज्य सरकार
मुख्य सचिव ने बैंकों को दिया है लोन पॉलिसी को लचीला बनाने का निर्देश
लाभुक 15 वर्षों तक बेच नहीं सकेंगे घर
स्लम में रहनेवालों और शहरी गरीबों को भवन या आवास का मालिकाना हक दिया जायेगा. लेकिन, लाभुक सहायता लेने के 15 वर्षों तक आवास या फ्लैट किसी को बेच नहीं सकेंगे. उसके हस्तांतरण की अनुमति भी नहीं दी जायेगी. चयनित लाभुकों को प्रथम किस्त के तौर पर 25,000 रुपये सरकार के खाते में जमा करना होगा. राशि जमा करने के बाद ही बुकिंग कंफर्म मानी जायेगी. आवास आवंटन के लिए सभी निकायों में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनायी जायेगी. रांची और धनबाद में कमेटी के अध्यक्ष नगर आयुक्त होंगे.
कंसल्टेंट करेगा मॉनिटरिंग
शहरी गरीबों के लिए भवन निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जायेगा. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग के लिए विभाग द्वारा कंसल्टेंट का चयन किया जायेगा. कंसल्टेंट निर्माण की मॉनिटरिंग कर विभाग को रिपोर्ट करेगा. निर्माण की गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की जायेगी.