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15 तक चालू नहीं हो पायेंगे ट्रॉमा सेंटर सेंट्रल इमरजेंसी और क्षेत्रीय नेत्र संस्थान

रिम्स शासी परिषद की 45वीं बैठक में तय की गयी थी समय सीमा, लेकिन… रांची : रिम्स शासी परिषद की 45वीं बैठक 12 जुलाई को हुई थी. उस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने रिम्स प्रबंधन को आदेश दिया था कि जितनी जल्द हो सके ट्रॉमा सेंटर, सेंट्रल […]

रिम्स शासी परिषद की 45वीं बैठक में तय की गयी थी समय सीमा, लेकिन…
रांची : रिम्स शासी परिषद की 45वीं बैठक 12 जुलाई को हुई थी. उस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने रिम्स प्रबंधन को आदेश दिया था कि जितनी जल्द हो सके ट्रॉमा सेंटर, सेंट्रल इमरजेंसी और क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को शुरू किया जाये. इधर, ट्रॉमा सेंटर, सेंट्रल इमरजेंसी और क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के भवन तो तैयार है, लेकिन इन्हें शुरू करने के लिए जो मैनपावर चाहिए, वह रिम्स प्रबंधन को उपलब्ध नहीं कराया गया है.
रिम्स प्रबंधन का कहना है कि तीनों संस्थानों के लिए मैनपावर का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया था. पद स्वीकृत हाेने के बाद रोस्टर क्लियरिंग के लिए प्रस्ताव गया है.
विभाग ने दो बार मैनपावर की संख्या कम करने और त्रुटियों में सुधार करने के लिए प्रस्ताव को लौटा दिया था. दोबारा नये सिरे से प्रस्ताव तैयार कर रोस्टर क्लियरिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग भेजा गया है. लेकिन, तय समय सीमा (15 नवंबर) तक रोस्टर क्लियरिंग और मैन पावर की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरा करना संभव नहीं दिख रहा है.
इनके लिए भी तय की गयी थी समय सीमा
शासी परिषद की बैठक में 500 बेड के गर्ल्स हॉस्टल को 15 अगस्त तक चालू करने के लिए भी समय सीमा तय की गयी थी, लेकिन यहां बिजली का ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया है.
500 बेड वाले छात्र-छात्रावासों का जो छात्रावास बनाया जाना है, उसमें प्राक्कलन को रिवाइज्ड किया गया था. छात्रावास के लिये 79 करोड़ 70 लाख 24 हजार 900 की राशि स्वीकृत की गयी थी. इसके बावजूद भी हॉस्टल शुरू नहीं किया जा सका है. इसके अलावा प्रशासनिक भवन को भी 15 सितंबर तक चालू करना था, लेकिन यह भी नहीं शुरू हो पाया है.
ट्रॉमा सेंटर, सेंट्रल इमरजेंसी व क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को 15 नवंबर तक शुरू नहीं हो पायेगा, क्योंकि इसके लिए हमारे पास मैनपावर ही नहीं है. समय सीमा तो तय की गयी थी, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा सका है. मैनपावर के लिए रोस्टर क्लियरिंग का मामला विभाग में भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के एक माह के अंदर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
डॉ आरके श्रीवास्तव, निदेशक, रिम्स
बचायें पहाड़ी मंदिर
रांची पहाड़ी और बाबा मंदिर के सौंदर्यीकरण की योजना बने
रांची पहाड़ी और बाबा के मंदिर का सौंदर्यीकरण योजनाबद्ध तरीके से किया जाये. इसके लिए सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर इस पर गंभीरता से विचार करें, ताकि पहाड़ी से जुड़ी लोगों की आस्था बरकरार रहे और पहाड़ी भी बची रहे. पूरे पहाड़ी पर पुष्प वाटिका लगायी जानी चाहिए.
साथ ही औषधीय पौधे भी लगाये जायें. मिट्टी के कटाव को भी रोका जाना जरूरी है. पहाड़ी मंदिर विकास समिति को भंग कर एक व्यवस्था देनेवाली समिति का गठन करना चाहिए. पटना हनुमान मंदिर की तर्ज पर कमेटी का गठन हो. पहाड़ी को लेकर बीआइटी मेसरा द्वारा दिये गये मास्टर प्लान पर भी विचार करना चाहिए. पहाड़ी मंदिर में अब वजन न डालें. भक्तों द्वारा दी गयी दान राशि का सदुपयोग होना चाहिए.

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