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रांची : रोजाना 100 किलो से ज्यादा कचरा निकालने वालों को खुद ही करना होगा इसका निष्पादन
सूडा के निदेशक ने सभी निकायों के लिए जारी किया आदेश रांची : सूडा के निदेशक अमित कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के तहत बल्क गारबेज जेनरेटर्स (100 किलो या उससे अधिक कचरा निकालने वाले) के लिए गीला या ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन उनके परिसर के अंदर ही […]
सूडा के निदेशक ने सभी निकायों के लिए जारी किया आदेश
रांची : सूडा के निदेशक अमित कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के तहत बल्क गारबेज जेनरेटर्स (100 किलो या उससे अधिक कचरा निकालने वाले) के लिए गीला या ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन उनके परिसर के अंदर ही किया जाना सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है. सभी नगर निकायों को बल्क गारबेज जेनरेटर्स का चिह्नित करना है. उनको परिसर के अंदर ही कूड़े के प्रबंधन का पूरा इंतजाम करना है.
श्री कुमार ने कहा है कि राज्य में अब तक केंद्रीयकृत कूड़ा प्रबंधन शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बल्क गारबेज जेनरेटर्स द्वारा किये गये कूड़े के प्रबंधन का राज्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण योगदान होगा. सूडा के निदेश ने सभी निकायों को उनके क्षेत्र में किये जा रहे कूड़े के प्रबंधन की स्थिति से अवगत कराने के निर्देश देते हुए बताया है कि बाजार में कॉम्पेक्ट कंपोस्ट मशीन के कई निर्माता और कंपोस्ट बनाने की आधुनिकतम तकनीक आसानी से उपलब्ध है. उन्होंने निकायों को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 को लेकर तैयार रहने काे कहा है. साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में बिना अवधि विस्तार के कार्य पूरा करने का निर्देश भी दिया है.
500 मीट्रिक टन कचरा हर दिन निकलता है शहर से
मौजूदा समय में राजधानी रांची के दाे लाख से अधिक घरों से प्रतिदिन 500 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. इसमें से 300 मीट्रिक टन कचरे उठाव शहर के 33 वार्डों में सफाई करने वाली कंपनी रांची एमएसडब्ल्यू करती है. वहीं, 20 वार्डों से शेष 200 मीट्रिक टन कचरे का उठाव रांची नगर निगम कराता है.
राजधानी के 100 से अधिक प्रतिष्ठानों में साल भर पहले से ही लागू है इस तरह की व्यवस्था
रांची नगर निगम के आदेशानुसार पिछले साल शहर के होटल रेडिशन ब्लू, कैपिटल हिल, हॉट लिप्स रेस्टूरेंट समेत कई बड़े अपार्टमेंटों में कचरे के निस्तारण की व्यवस्था की गयी थी. इसके अलावा नगर निगम ने शहर के सभी बैंक्वेट हॉल व मैरेज हॉल के लिए इसे लगाना अनिवार्य कर दिया है. जो इस निर्देश का उल्लंघन करेगा, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. निगम के अधिकारी तीन-चार माह में एक बार इसकी जांच भी करते हैं कि कचरा निस्तारण के उपकरण काम कर रहे हैं या नहीं.
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