रांची: 30 जून तक दिये गये लक्ष्य में अब तक सरकारी विभागों ने 974 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं. राज्यपाल ने बजट की कम से कम 30 प्रतिशत राशि यानी 5040 करोड़ रुपये जून तक खर्च करने का लक्ष्य दिया था. चालू वित्तीय वर्ष में योजना बजट 16800 करोड़ का है. मई तक कम खर्च देख राज्यपाल ने नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि यह गंभीर स्थिति है. निर्देश के बावजूद अफसर काम नहीं करते.
समीक्षा के दौरान अफसरों ने व्यावहारिक कठिनाइयां भी बतायीं. उन्होंने कहा कि टेंडर आदि प्रक्रिया में समय लगता है. फिर राज्यपाल ने पूछा कि जून तक कितनी राशि खर्च की जा सकती है. तब अफसरों ने तीन हजार करोड़ खर्च करने की बात कही. 30 जून तक दो हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे. यानी प्रतिदिन 66 करोड़ रुपये खर्च करने की बात सचिवों ने कही है. राज्यपाल ने कहा कि हर हालत में उन्हें परिणाम चाहिए. राज्यपाल प्रोजेक्ट भवन में वित्तीय वर्ष 2013-14 के योजना व्यय की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में राज्यपाल के दोनों सलाहकार, मुख्य सचिव समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे.
राज्यपाल ने कहा है कि सचिव आमलोगों के विकास तथा गरीबों के कल्याण हेतु चलायी जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन में तीव्रता लायें. जब राशि की कमी नहीं है, तो कार्य प्रगति भी बेहतर होनी चाहिए. योजना राशि समय पर खर्च करना विभागीय सचिवों की जिम्मेदारी है.
इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बरदाश्त नहीं की जायेगी. अत: विभागीय सचिव नियमित रूप से समीक्षा करें. समय पर योजना का कार्यान्वयन व योजना बजट राशि व्यय नहीं करनेवाले पदाधिकारियों को चिह्न्ति करें, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके.