रांची : विश्व हिंदू परिषद गोरक्षा विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख त्रिलोकीनाथ बागी ने कहा कि झारखंड में गो रक्षा कानून लागू है, फिर भी सरकार व प्रशासन की उदासीनता के कारण लगातार गो तस्करी और गो हत्या हो रही है. गो रक्षकों द्वारा इसका विरोध करने पर उलटे उन्हें ही झूठे मुकदमे में फंसा कर प्रताड़ित किया जाता है.
गो तस्करों से कोई पूछता तक नहीं. जिला प्रशासन के मिलीभगत के बगैर यह संभव नहीं है. श्री बागी सोमवार को विहिप के प्रांत कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गोधन कभी भी अनुपयोगी नहीं है. गोबर, गोमूत्र के द्वारा शृंगार प्रसाधन, मच्छर मारने की अगरबत्ती, खाद, किट नियंत्रक आदि तैयार किये जा रहे हैं. इसका प्रशिक्षण गांव-गांव में दिया जा रहा है. फिलहाल कोलकाता में गोबर गैस के माध्यम से 12 बसें चल रही हैं.
झारखंड एवं बिहार में कई परिवार एक बूढ़ी गाय को 50 रुपये का चारा खिला कर लगभग 500 रुपये प्रतिदिन की कमाई कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. पंचगव्य आधारित सामान बनाकर हम गांव-गांव में गो क्रांति लाना चाहते हैं. इस प्रकार कुटीर उद्योग का जाल स्थापित कर बेरोजगार एवं गरीबी दूर करने के लिए हम प्रयासरत हैं.
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री गोरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, तो वह अभूतपूर्व मुख्यमंत्री कहलायेंगे अन्यथा भूतपूर्व मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं. मौके पर गोरक्षा प्रमुख गिरजा शंकर पांडे, प्रांत मंत्री उमाशंकर सिंह, समन्वय मंच के प्रांत प्रमुख अशोक अग्रवाल, वरीय उपाध्यक्ष देवी प्रसाद शुक्ला, उपाध्यक्ष राजेंद्र दुबे, प्रांत मंत्री उमाशंकर सिंह, सह मंत्री धनेश्वर गुप्ता, प्रदेश गोशाला समिति के संयुक्त सचिव प्रमोद शाश्वत, प्रचार प्रसार विभाग प्रमुख अमर प्रसाद, सौम्या मिश्रा समेत कई लोग उपस्थित थे.