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रांची : एक कांट्रैक्ट शिक्षक के भरोसे डेयरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई
पिछले साल 26 और इस साल अब तक 17 का हुआ है नामांकन मनोज सिंह रांची : राज्य में पहली बार डेयरी टेक्नोलॉजी में बीटेक की पढ़ाई करायी जा रही है. काफी जद्दोजहद के बाद बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में इसकी पढ़ाई बीते साल शुरू करायी गयी. झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद के माध्यम से […]
पिछले साल 26 और इस साल अब तक 17 का हुआ है नामांकन
मनोज सिंह
रांची : राज्य में पहली बार डेयरी टेक्नोलॉजी में बीटेक की पढ़ाई करायी जा रही है. काफी जद्दोजहद के बाद बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में इसकी पढ़ाई बीते साल शुरू करायी गयी. झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद के माध्यम से 26 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया. कुछ 30 सीट बीएयू ने बीटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी के लिए रखा है. इनको पढ़ाने के लिए एक संविदा के शिक्षक रखे गये हैं. पूरे साल की पढ़ाई इसी एक संविदा के शिक्षक ने करा ली. कभी-कभी संस्थान ने आउटसोर्स के माध्यम से कुछ शिक्षकों की क्लास करायी. किसी भी तकनीकी संस्थान में बिना स्थायी शिक्षक से पढ़ाई नहीं कराने का प्रावधान है.
इस साल भी संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद की पहली काउंसेलिंग में 17 विद्यार्थियों को डेयरी टेक्नोलॉजी आवंटित किया गया है. इनके एडमिशन लेने के बाद छात्रों की कुल संख्या 47 हो जायेगी. दूसरे सत्र में विद्यार्थियों के आवंटन के बाद बीएयू ने एक बार फिर ठेके पर शिक्षक रखने के लिए आवेदन जारी किया है. झारखंड में कहीं भी बीटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई नहीं होती है.
दुमका के हंसडीहा में बना है कॉलेज
राज्य सरकार ने दुमका के हंसडीहा में डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज का निर्माण कराया है. इसकी आधारभूत संरचना पूरी बन गयी है. एडमिशन के समय कहा गया था कि छह माह के बाद सभी विद्यार्थियों को दुमका भेज दिया जायेगा. आगे की पढ़ाई वहीं होगी. टीचिंग और नन टीचिंग स्टॉफ नहीं होने के कारण वहां कॉलेज में विद्यार्थियों को नहीं भेजा गया है.
शिक्षक के 11 पद हैं स्वीकृत
डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के लिए टीचिंग के 11 पद स्वीकृत हैं. इस पर स्थायी नियुक्ति के लिए बीएयू ने जेपीएससी को लिखा है. अस्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पिछले साल की गयी थी. इसमें एक शिक्षक ही नियुक्ति हो पाये थे. इस बार फिर 10 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएयू ने आवेदन आमंत्रित किया है. विद्यार्थियों की पढ़ाई अभी वेटनरी कॉलेज में हो रही है.
नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उम्मीद है कि फैकल्टी की कमी दूर हो जाये. संस्थान विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. वेटनरी कॉलेज, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, बीअाइटी मेसरा आदि संस्थानों से शिक्षक बुलाकर उनको पढ़ाया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही इनकी समस्या दूर हो जायेगी.
डॉ आलोक कुमार पांडेय, डीन, डेयरी टेक्नोलॉजी
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