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हर माह 28 लाख खर्च, पर मिलता नहीं

संजय नौ माह में बुलेटिन के प्रकाशन पर 2.51 करोड़ खर्च रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग में विभागीय कार्यक्रमों व योजनाओं से संबंधित सूचना के लिए एक बुलेटिन (पत्रिका) का प्रकाशन होता है.जमशेदपुर के प्रकाशक मेसर्स झारखंड प्रिंटर्स प्रा़ लि, 6ए, गुरुनानक नगर, साकची को आहार नाम के इस बुलेटिन के प्रकाशन का पहला कार्यादेश […]

संजय
नौ माह में बुलेटिन के प्रकाशन पर 2.51 करोड़ खर्च
रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग में विभागीय कार्यक्रमों व योजनाओं से संबंधित सूचना के लिए एक बुलेटिन (पत्रिका) का प्रकाशन होता है.जमशेदपुर के प्रकाशक मेसर्स झारखंड प्रिंटर्स प्रा़ लि, 6ए, गुरुनानक नगर, साकची को आहार नाम के इस बुलेटिन के प्रकाशन का पहला कार्यादेश अक्तूबर-2017 में दिया गया था. इसके बाद से हर माह बुलेटिन की 261793 प्रतियों का प्रकाशन किया जा रहा है, जिस पर हर माह करीब 27.88 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. अक्तूबर-2017 से जुलाई -2018 तक (अप्रैल को छोड़) नौ माह में इस बुलेटिन के प्रकाशन पर करीब 2.51 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, पर इस बुलेटिन या पत्रिका का वितरण सही तरीके से नहीं हो रहा है.
खाद्य आपूर्ति विभाग से बुलेटिन के वितरण की जो सूची मिली है, उसमें ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य तथा स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग का भी नाम है. इन विभागों को बुलेटिन की 10-10 प्रति उपलब्ध करानी है, पर ग्रामीण विकास तथा समाज कल्याण विभाग में पूछने पर विभागीय अधिकारियों ने आहार नाम की किसी पत्रिका के बारे अनभिज्ञता दिखायी है.
हजारीबाग, चतरा, कोडरमा व डाल्टेनगंज के राशन डीलरों ने सिर्फ एक-एक बार इस मासिक बुलेटिन के मिलने की सूचना दी है. वहीं पाकुड़, दुमका, गुमला व लोहरदगा जिले के डीलरों ने कहा कि उन्हें आज तक बुलेटिन नहीं मिला है.
इधर, ढेला टोली, कोकर के डीलर मोहन गोप ने कहा कि उसने आहार नाम के किसी बुलेटिन का नाम नहीं सुना है. पत्रिका बंट नहीं रही. इधर, विभाग के एक वरीय व्यक्ति का कहना है कि पत्रिका सबको नहीं मिल रही, इसलिए इसकी प्रकाशन संख्या बढ़ानी चाहिए.
किनके लिए छपती है पत्रिका : वितरण सूची के मुताबिक, आहार पत्रिका राज्य के करीब 26 हजार डीलरों को 10-10, प्रखंड स्तरीय सतर्कता समिति के मनोनीत गैर सरकारी सदस्यों को एक-एक, जिला आपूर्ति कार्यालय, जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिला स्तरीय सतर्कता समिति तथा जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के मनोनीत गैर सरकारी सदस्यों को 20-20 तथा जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम को 10-10 प्रति दी जानी है.
वहीं उपरोक्त विभागों के अलावा खाद्य आपूर्ति विभाग, खाद्य निदेशालय, राज्य खाद्य निगम, झारखंड उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग व राज्य खाद्य आयोग को बुलेटिन की 10-10 प्रति तथा विभागीय मंत्री के कोषांग में 50 प्रति दी जानी है

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